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उत्तराखंड में खाली पड़े हैं सरकारी डॉक्टर्स 39 फीसद पद; RTI के जरिए हुआ खुलासा
देहरादून। देश भर में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर पहाड़ी राज्यों पर भी जमकर टूट रहा है। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड (Uttrakhand) में भी इस गंभीर महामारी ने उत्पात मचा रखा है। इस सब के बीच राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से जुड़ी एक हैरान करने वाली अपडेट सामने आई है। प्रदेश में इस कोरोना काल के दौरान भी सरकारी चिकित्साधिकारियों के 1072 पद खाली हैं जो कुल स्वीकृत 2735 पदों के 39 प्रतिशत से अधिक है। इस बात का खुलासा महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड कार्यालय द्वारा आरटीआई एक्टीविस्ट नदीमउद्दीन को उपलब्ध कराई गई सूचना के जरिए हो सका है।
116 चिकित्सा अधिकारी ऐसे भी है, जो लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीमउद्दीन (एडवोकेट) ने उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय के लोक सूचना अधिकारी से उत्तराखंड में चिकित्सा अधिकारियों के पदों तथा उस पर कार्य कर रहे विदेशी डिग्रीधारक चिकित्सकों की सूचना मांगी थी। जिसके जवाब में स्वास्थ्य महानिदेशालय के लोक सूचना अधिकारी/संयुक्त निदेशक (प्रशा) राजीव सिंह पाल ने 11 अगस्त 2020 से सूचना उपलब्ध कराई। इस सूचना के जरिए इस बात का पता चल सका कि प्रदेश में चिकित्सा अधिकारियों के कुल 2735 स्वीकृत पद है, जिसमें से 1072 पद रिक्त हैं तथा 1663 कार्यरत पदों की संख्या है। सूचना के अनुसार 116 चिकित्सा अधिकारी ऐसे भी है, जो लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं। चार चिकित्सा अधिकारी नगर निगमों में नगर स्वास्थ्य अधिकारी व अन्य पदों पर भी प्रदेश में कार्यरत हैं।
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स्वास्थ्य महानिदेशालय के लोक सूचना अधिकारी/संयुक्त निदेशक द्वारा उपलब्ध कराई गई इस जानकारी के जरिए इस बात का भी पता चला सका है कि एक जनवरी 2018 से अगस्त 2020 तक लगभग ढाई वर्ष के समय में 573 चिकित्सा अधिकारियों की लम्बे समय से अनुपस्थित रहने व अन्य कारणों से सेवायें भी समाप्त की गयी है। इसके अतिरिक्त 01 जनवरी 2011 से अगस्त 2020 तक लगभग 10 वर्षों में 137 चिकित्सा अधिकारियों ने सेवा से त्यागपत्र दिया है व वी.आर.एस. भी लिया है।