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हिमाचल के पर्यटन कारोबारियों ने बाहर के टूरिस्ट वाहनों पर टैक्स का किया विरोध
शिमला। आपदा के मारे हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में बाहरी राज्यों से पर्यटकों को लेकर आने वाली गाड़ियों पर एक सितंबर से टैक्स लगाने के सरकार के फैसले का अब प्रदेश के पर्यटन कारोबारी (Tourism Business) भी विरोध करने लगे हैं। हिमाचल सरकार के इस फैसले का असर यह हुआ है कि बाहरी राज्यों के ऑपरेटर (Other State Operator) राज्य में गाड़ियां नहीं भेज रहे हैं। इससे बुकिंग कैंसिल (Booking Cancel) हो रही है। पर्यटन कारोबार को हो रहे नुकसान को देखते हुए कारोबारियों ने सरकार से टैक्स बढ़ाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है।हिमाचल सरकार ने इसी साल जुलाई में राज्य मोटर वेहिकल टैक्सेसन एक्ट 1972 में संशोधन करते हुए बाहरी राज्यों के ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली गाड़ियों पर एक सितंबर से टैक्स लगाने की अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की बसों पर 3000-6000 रुपए रोजाना तक के टैक्स लगाने की बात कही गई है।
ग्रुप टूरिज्म से होटलों को फायदा
शिमला टूर एंड ट्रैवल एसोसिएशन (Shimla Tour And Travel Association) ने सरकार से मांग की है कि पर्यटक वाहनों पर लगाया गया टैक्स वापस लें। एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाली टूरिस्ट बसों और टैम्पो ट्रैवलर (Tempo Travellor) पर लगाए गए नए टैक्स के कारण हिमाचल के पर्यटन को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। गुजरात, बंगाल तथा महाराष्ट्र से बहुत अधिक संख्या में पर्यटक ग्रुप में बसों तथा टैम्पो ट्रैवलर से हिमाचल आते हैं। इसी तरह बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक परिजनों के साथ अंबाला और चंडीगढ़ तक ट्रेन में आने के बाद वहां से टैम्पो ट्रैवलर किराए पर लेकर हिमाचल का रुख करते हैं।
बुकिंग कैंसल कर रहे हैं ऑपरेटर
हिमाचल में होटलों की ऑक्यूपेंसी (Hotel Occupation) बढ़ाने में इन पर्यटक समूहों का बड़ा योगदान रहता है। लेकिन सरकार ने सितंबर से जो नया टैक्स लगाया है, उससे टूर ऑपरेटरों के लिए हिमाचल में पर्यटकों के ग्रुप लेकर आना घाटे का सौदा बन गया है। हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर से शुरू हुए पर्यटन सीजन में बाहरी राज्यों के टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर हिमाचल में गाड़ियां नहीं भेज रहे हैं। हिमाचल सरकार ने टेंपो ट्रैवलर पर 5000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स (Tax) लगाया गया है, जो कि काफी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पहले ही हिमाचल में 3 महीने से पर्यटन कारोबार पूरी तरह से आपदा के चलते ठप हो गया था। उन्होंने कहा कि कई बुकिंग कैंसिल हो रही है। ऐसे में सरकार को इस फैसले पर दोबारा से विचार करना चाहिए और जो टैक्स बढ़ाया गया है, उस फैसले को वापस लाना चाहिए।
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