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ईपीएफ पर बढ़ने वाला है ब्याज, मोदी सरकार इस दिन करेगी ऐलान
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के बोर्ड सीबीटी (CBT) की बैठक 12 मार्च को गुवाहाटी में होगी। इस बैठक में ईपीएफओ (EPFO) के मौजूदा वित्त वर्ष की ब्याज दरों पर चर्चा की जाएगी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी इस बैठक में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर (interest Rate ) तय करेगा और फिर अपनी सिफारिशें वित्त मंत्रालय को सौंपेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस बार ईपीएफओ की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकती है। दरअसल वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज दरें अगले महीने तय की जाएंगी। आइए जानते हैं इस पर ताजा अपडेट
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जल्द होगा फैसला
गौरतलब है कि ईपीएफओ की ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर फैसला केंद्रीय न्यासी बोर्ड (Central Board Of Trustees) लेता है। अगले महीने इसकी बैठक होने जा रही है। इस बैठक में कई बड़े बिंदुओं पर फैसला हो सकता है। उम्मीद है कि इसमें चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दरों पर फैसला किया जाएगा। केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Labor Minister Bhupendra Yadav) ने कहा कि ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक मार्च में गुवाहाटी में होगी, जिसमें 2021-22 के लिए ब्याज दरों तय करने का प्रस्ताव सूचीबद्ध है।
8.5 फीसदी की ब्याज दर रह सकती है कायम
केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने ईपीएफओ 2021-22 के लिए भी 2020-21 की तरह 8.5 फीसदी की ब्याज दर को कायम रखने के सवाल पर बताया कि यह फैसला अगले वित्त वर्ष के लिए आमदनी के अनुमान के आधार पर किया जाएगा। आपको बता दें कि भूपेंद्र यादव सीबीटी के प्रमुख हैं।
ब्याज दर रह सकती है स्थिर
वर्तमान वित्त वर्ष ईपीएफओ के लिए चुनौती भरा रहा है, लेकिन तमाम अड़चनों के बावजूद 8.5 फीसदी ब्याज देने के लिए ईपीएफओ अपने इक्विटी निवेश में हिस्सा बेच सकता है। इस बार विकल्प कम होने की वजह से बॉन्ड निवेश बहुत कम रहा और पूंजी का निवेश नहीं हो सका। ईपीएफओ की फाइनेंस इन्वेस्टमेंट और ऑडिट कमिटी ने अपनी सिफारिशें सीबीटी को भेज दी हैं। यानी मार्च में होने वाली बैठक में ब्याज दर पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।