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ISRO ने रचा इतिहास, ‘पुष्पक विमान’ की तीसरी बार सफल लैडिंग
ISRO: बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज एक और उपलब्धि हासिल की। उसने दोबारा उपयोग में लाए जाने वाले प्रक्षेपण यान (आरएलवी) पुष्पक की लगातार तीसरी बार सफल लैंडिंग (Successful landing for the third time) कराई। इसरो ने इस उपलब्धि की जानकारी शेयर करते हुए बताया कि उसने अधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में आरएलवी ( RLV)की लैंडिंग कराने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
RLV-LEX3 Video pic.twitter.com/MkYLP4asYY
— ISRO (@isro) June 23, 2024
इस मिशन में अंतरिक्ष से लौटने वाले यान को तेज हवाओं के बीच उतारने का अभ्यास किया गया, जिससे अंतरिक्ष एजेंसी की आरएलवी के विकास के लिए आवश्यक अहम प्रौद्योगिकियों को हासिल करने में विशेषज्ञता को बल मिला है। लैंडिंग एक्सपेरिमेंट (एलईएक्स-03) की श्रृंखला में तीसरा और अंतिम परीक्षण कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (ATR) से भारतीय समयानुसार सुबह सात बजकर 10 मिनट पर किया गया।
पुष्पक को चिनूक हेलीकॉप्टर से छोड़ा गया
“पुष्पक” को रनवे से 4.5 किलोमीटर दूर भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर(Chinook Helicopters) से छोड़ा गया। पुष्पक रनवे के पास पहुंचा और रनवे पर क्षैतिज लैंडिंग की। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के नेतृत्व में यह मिशन इसरो ( ISRO)के कई केंद्रों का एक सहयोगात्मक प्रयास है। इस मिशन को भारतीय वायुसेना, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण से भी काफी सहयोग मिला है। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने ऐसे जटिल मिशन में सफलता का सिलसिला बरकरार रखने के प्रयासों के लिए टीम को बधाई दी।
नेशनल डेस्क
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