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सुंदरनगर की जान्हवी बनीं हिमाचल की बाल सीएम, 12 जून को करेंगी यह काम
शिमला। हिमाचल के सुंदरनगर (Sundernagar) से 10वीं की छात्रा जान्हवी शर्मा (Jhanvi Sharma) को हिमाचल प्रदेश का बाल सीएम (Child CM) बनाया गया है। वे 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर आयोजित होने वाले विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य की अगुवाई करेंगी। शनिवार को जान्हवी ने यहां विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और उनसे सदन की कार्यवाही को समझा।
हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों से इतनी ही संख्या में बच्चों को बाल संसद के लिए विधायक चुना गया है। ये सभी बाल विधायक विधानसभा भवन में मौजूद थे। बाल संसद (Child Assembly) का मकसद राजनीतिक प्रक्रिया में बच्चों की सहभागिता को सुनिश्चित करना और उनके प्रमुख मसलों को सरकार के नीति-निर्माण का हिस्सा बनाना है। बाल सत्र में शामिल होने वाले सभी 68 बच्चे डिजिटल माध्यम से चुने गये। डिजिटल माध्यम से ही उन्होंने विधायी प्रक्रिया को जाना और समझा है।
ऐसे हुआ चुनाव
बाल विधायक बनने के लिये कुल 1108 बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराया। 25 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख थी। तब तक 1085 बच्चों ने रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन रात 12 बजे तक भी बच्चे रजिस्ट्रेशन कराते रहे। बाल मन का ख्याल रखते हुये उन सभी बच्चों को भी शामिल किया गया। लिहाजा कुल दावेदार बच्चों की संख्या 1108 हो गयी। अपनी बात को प्रभावशाली तरीके से रखने वाले 68 बच्चों का चयन किया गया। जिन जजों ने इन बच्चों को चुना, वे भी सदन में उपस्थित रहेंगे। कुल 63 बच्चे हिमाचल के हैं, जो 43 विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि बाहरी राज्यों से केवल पांच बच्चे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने बताया कि 60 बच्चे सरकारी स्कूल के हैं। सत्र के लिए 40 लड़कियां व 18 लड़के चुने गए हैं। उन्होंने बताया कि सत्र सुबह साढ़े 10 बजे शुरू होगा जो दोपहर ढाई बजे तक चलेगा। आधे घंटे का प्रश्न काल होगा।
इन राज्यों के हैं बच्चे
हिमाचल प्रदेश की 43 विधानसभा क्षेत्रों के 63 बच्चे चुने गये। वहीं 5 राज्यों से पांच बच्चों का चयन हुआ है। इसमें 40 लड़कियां और 28 लड़के बाल विधायक के रूप में शामिल हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान सहित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से एक-एक बच्चे का चयन हुआ है। पंजाब, दिल्ली, असम और गुजरात के बच्चों ने भी रजिस्ट्रेशन किया था लेकिन वहां के बच्चों का चुनाव नहीं हुआ है।
इस तरह का होगा बाल सत्र
12 जून को विधानसभा के विशेष बाल सत्र में जो विषय रखे जायेंगे, वे सब बच्चों द्वारा ही उठाये गए होंगे। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सांसदों, मंत्रियों, विधायकों, ब्यूरोक्रेट्स, साहित्यकारों और समाज के वरिष्ठ जनों से इन बच्चों ने संवाद स्थापित किया। इन्हीं बच्चों में से मुख्यमंत्री स्पीकर, कैबीनेट मंत्री और संसदीय सचिव चुने जायेंगे।
IPS बनना चाहती हैं जान्हवी
जान्हवी ने बताया कि मुख्यमंत्री के रूप में उनकी सबसे पहली प्राथमिकता रहेगी कि उनके मंत्रिमंडल के सदस्य अनुभवी व पढ़े-लिखे हों। शिक्षित लोगों को उनके अनुभव के अनुसार मंत्रिपद दिए जाएंगे तो ही वे लोगों की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझने के साथ सुलझा सकते हैं। शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज बहुत काम करने की जरूरत हैं। अस्पतालों में लोगों को इलाज के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसे प्राथमिकता के आधार पर ठीक करने की जरूरत है। हालांकि जाह्नवी ने राजनीति की अपेक्षा बड़े होकर आईपीएस बनना अपना लक्ष्य बताया है।
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