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आदिवासी कभी ना हिंदू थे ना हैं-कुछ ऐसा ही बोल गए झारखंड के CM सोरेन
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren)ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा है कि आदिवासी हिंदू (Hindus)नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी कभी ना हिंदू थे, ना हैं। आदिवासी समाज प्रकृति पूजक है और इनका अलग रीति-रिवाज है। सदियों से आदिवासी (Tribals) समाज को दबाया जाता रहा है, कभी इंडिजिनस, कभी ट्राइबल तो कभी अन्य के तहत पहचान होती रही। सोरेन का कहना है कि इस बार की जनगणना में आदिवासी समाज के लिए अन्य का भी प्रावधान हटा दिया गया है। सोरेन ने ये बात शनिवार देर रात हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कही।
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झारखंड के सीएम का कहना है कि जनगणना में आदिवासियों के लिए कोई जगह नहीं है। पांच-छह धर्मों (Five-Six Religions)को लेकर ये बताने की कोशिश की गई है कि उन्हें इन्हीं में से एक को चुनना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि आगामी जनगणना में आदिवासी समूह के लिए अलग कॉलम होना चाहिए,जिससे वह अपनी परंपरा और संस्कृति (Culture)को संरक्षित कर आगे बढ़ सकें।
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सोरेन ने बीजेपी की विचारधारा (BJP’s ideology) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 89 वर्ष के एक सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन सवामी को जेल में बंद रखा गया है। जिस व्यक्ति की याद्दाश्त चली गई, ठीक से बोल नहीं पाता उसे देशद्रोह के मामले में जेल में रखा गया है। सोरेन ने कहा कि आदिवासी हितों की सुरक्षा के लिए आदिवासी मंत्रालय का निर्माण हुआ। संविधान में पांचवीं और छठीं अनुसूचि भी आदिवासी हित के लिए बनाई गई है। आदिवासी समाज एक ऐसा समाज है, जिसकी सभ्यता,संस्कृति व्यवस्था बिल्कुल अलग है। आदिवासियों को लेकर जनगणना में अपनी जगह स्थापित करने की मांग वर्षों से रखी जा रही है। इस संबंध में भेजे गए प्रस्ताव पर (Government of India) भारत सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार करे।
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