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ये है वो शहर जहां मरना भी गुनाह है-कारण भी ऐसा सोच नहीं सकते आप
जीते जी तो इंसान बहुत कुछ सहन करता है, लेकिन क्या मरने के बाद भी उसे सहन करना पडता है, जी ऐसा भी है। दुनिया का एक ऐसा देश जिसके शहर में मरना भी गुनाह हो जाता है। कारण भी ऐसा कि आप भी सुनकर सकते में आ जाएंगे। हालत ये है कि ठंडे मौसम (Cold Weather) के चलते वर्षों बाद भी यहां कब्रिस्तान में दफन लाशें मिट्टी में नहीं मिलती हैं। इसलिए शहर में स्थित कब्रिस्तान (Cemetery) में लाश दफन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालत ये है कि 70 वर्ष पहले दफन शरीर भी अभी तक पूरी तरह से मिट्टी में नहीं मिल पाए हैं।
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बात हो रही है नार्वे के लॉन्गइयरबेन शहर (Longyearbyen city of Norway) की। इस शहर में एक ऐसा कानून बनाया गया है जिसके तहत जहां मरना गुनाह लगता है। कोई भी यही सोचने लगता है कि ये कैसा बेतुका कानून है लेकिन इसके पीछे एक बड़ा कारण है। कारण कुछ और नहीं बल्कि यहां का ठंडा मौसम है। शहर में करीब 2000 लोग रहते हैं और यहां केवल एक ही कब्रिस्तान है। अब इस कब्रिस्तान में शव दफनाना मना है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के ठंडे मौसम के कारण पहले से दफन की गई लाशें मिट्टी में नहीं मिल पाई हैं। स्थानीय प्रशासन (Local Administration) ने देखा कि जो मृत शरीर बहुत वर्षों पहले दफनाए गए थे वे अभी जस के तस कब्रों में पड़े हुए थे। यही नहीं 70 साल पहले दफनाए गए शव (Bodies Buried) भी कुछ-कुछ वैसे ही पड़े हुए हैं। हालांकि,कंकाल (Skeletons) हो चुके हैं,लेकिन पूरी तरह से मिट्टी में मिल नहीं पाए रहे।
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इसी के चलते यहां के ठंडे मौसम के कारण ही लोगों के मरने के बाद दफनाने पर इस कब्रिस्तान में प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसलिए जब कोई बहुत बीमार होता है और बचने की कोई आस नहीं रहती है तो उसे दूसरे शहर ले जाया जाता है ताकि उसकी मौत (Death) पर उसे दफनाने में किसी तरह की दिक्कत ना आए।