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यहां मुस्लिम कारीगर बना रहे कान्हा की पोशाक, दुनियाभर में है काफी डिमांड
इन दिनों भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami) की तैयारियां भारत समेत कई अन्य देशों में धूमधाम से चल रही है। बाजारों में कान्हा की पोशाक और मूर्तियां बिकना शुरू हो गई हैं। इस बीच भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन में मंदिरों की साज-सज्जा के साथ दुकानों पर भगवान को सजाने का सामान मिल रहा है। ऐसे में लोग दूर-दूर से वृंदावन (Vrindavan) में जन्माष्टमी की खरीददारी करने आ रहे हैं। यहां की खास बात ये है कि यहां भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक मुस्लिम समुदाय के कारीगरों द्वारा बनाई जा रही है।
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कहा जाता है कि वृंदावन में पोशाक बनाने का सबसे बड़ा कारोबार है। ये कारीगर मथुरा वृंदावन में मुस्लिम समुदाय के हजारों कारीगर कान्हा की पोशाक कई साल से बना रहे हैं। ये लोग पोशाक बनाते समय उसकी पवित्रता का भी पूरा ध्यान रखते हैं। कहा जा रहा है कि इस साल मथुरा (Mathura) वृंदावन में भगवान की हाथों से बनी पोशाक का कारोबार 500 करोड़ तक पहुंच सकता है।
बता दें कि इन कारीगरों के पास ऑर्डर आ रहे हैं। यहां अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जापान, नेपाल, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों से करोड़ों रुपये के ऑर्डर आते हैं। भारत समेत दुनियाभर के करीब 90 फीसदी मंदिरों में भगवान वृंदावन में ही बनी पोशाक को पहनते हैं।
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जानकारी के अनुसार, इनका ये कारोबार सालभर चलता है, लेकिन जन्माष्टमी से करीब दो महीने पहले इसकी डिमांड काफी ज्यादा बढ़ जाती है। वृंदावन में ऐसे 40 कारखाने हैं, जहां भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक बनाई जाती है। इन कारखानों में दस हजार से ज्यादा मुस्लिम कारीगर दिन रात भगवान की पोशाक बनाते हैं। यहां काम कर रहे एक कारीगर ने बताया कि वे वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण की पोशाक बनाने का काम 50-60 साल से कर रहा है। उन्होंने बताया कि यहां अन्य सभी देवी-देवताओं की पोशाकें भी तैयार की जाती है। मथुरा-वृंदावन में बनने वाली पोशाकों की डिमांड पूरी दुनिया में है।