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हिमाचल में संयुक्त किसान मोर्चा ने बोला हल्ला, कहा- किसानों की शर्तें अभी तक नहीं हुईं पूरी
शिमला। दिल्ली में किसान आंदोलन के साथ केंद्र सराकर द्वारा किए गए विश्वासघात को लेकर सोमवार को हिमाचल में संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisaan Morcha) ने धरना प्रदर्शन किया। राजधानी शिमला (Shimla) में यह प्रदर्शन डीसी कार्यालय के बाहर किया गया और डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। बता दें कि देशव्यापी संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर केंद्र सरकार द्वारा किसान आंदोलन से विश्वासघात करके रोष दिवस मनाते हुए हिमाचल किसान सभा ने प्रदेश के अलग अलग जिलों में विरोध प्रदर्शन (Protest) तथा स्थानीय प्राधिकरण के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपे। शिमला में किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर एवं जिलाध्यक्ष सत्यवान पुंडीर की अगुवाई में कसुम्पटी कमेटी ने प्रदर्शन करते हुए डीसी के माध्यम से ज्ञापन (Memorandum) दिया।
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डॉ तंवर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने कृषि कानूनों को किसानों की 6 शर्तों को मानते हुए वापस लिया था, लेकिन आज तीन महीने पूरा होने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ना तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कमेटी बनी, ना किसानों पर बनाये झूठे केस वापस हुए, ना शहीद किसानों के परिजनों को मुआवजा मिला, ना ही लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदने वाले मंत्री के बेटे की जमानत रद्द करवाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील हुई। उन्होंने चेतावनी दी है कि किसानों का आंदोलन अभी दिल्ली बोर्डर से केवल हटा है खत्म नहीं हुआ है। यदि सरकार नहीं जागी तो इस लड़ाई को किसान अब आर पार के रूप में लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।