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Himachal में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर पानी का होगा संरक्षण
शिमला। वन मंत्री राकेश पठानिया (Rakesh Pathania) ने आज सोलन में विश्व बैंक के सहयोग से चलाई जा रही एकीकृत विकास परियोजना (Integrated development project) मुख्यालय का दौरा किया। हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में यह परियोजना कार्यान्वित की जा रही है। जिसके अंतर्गत एकीकृत जलागम संसाधनों का प्रबंधन एवं स्त्रोतों की स्थिरता, जलवायु परिवर्तन एवं वर्षा आधारित कृषि के संरक्षण कार्य किए जा रहे हैं। वन मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के तहत किए जा रहे कार्य सराहनीय हैं। उन्होंने मुख्यालय में परियोजना अधिकारियों से परियोजना के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक की।
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उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत आधुनिक तकनीक का उपयोग कर पानी का संरक्षण किया जाएगा, जिसके लिए तालाब इत्यादि का अधिक निर्माण किया जाएगा, जिससे भूमि में पानी का स्तर बढ़ेगा व किसानों (Farmers) की फसलों की पैदावार में वृद्धि होगी। फसलों में वृद्धि होने पर इसे बाजार में अच्छे दामों पर बेचने में भी परियोजना के तहत कार्य किया जाएगा। पठानिया ने कहा कि 750 करोड़ रुपए की यह परियोजना लाहुल-स्पीति व किन्नौर जिलों को छोड़कर प्रदेश के शेष 10 जिलों की 428 पंचायतों में कार्यान्वित की जा रही है। इस अवसर पर प्रधान मुख्य अरण्यपाल अजय कुमार एवं मुख्य परियोजना अधिकारी अजय श्रीवास्तव एवं परियोजना मुख्यालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।