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बिग ब्रेकिंगः हिमाचल के चार जिलों में लगा कोरोना कर्फ्यू, इन्हें Corona रिपोर्ट जरूरी
शिमला। हिमाचल में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के चलते जयराम सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। हिमाचल के चार जिलों में कोरोना कर्फ्यू (Night Curfew) लगा दिया गया है। कांगड़ा (Kangra), ऊना, सोलन (Solan) व सिरमौर में रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू रहेगा। यह 27 अप्रैल से 10 मई तक लगाया गया है। यह निर्णय यहां सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) की अध्यक्षता में हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में लिया गया है।
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वहीं, बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए 72 घंटे की आरटीपीसीआर रिपोर्ट (RT PCR Report) अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। अगर कोई बिना कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट आता है तो उसे 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन (Home Quarantine) किया जाएगा। होम क्वारंटाइन व्यक्ति को सात दिन बाद कोरोना टेस्ट करवाने का विकल्प होगा। अगर वह टेस्ट में नेगेटिव पाया जाता है तो उसे फिर क्वारंटाइन रहने की जरूरत नहीं होगी। बात दें कि हिमाचल में कोरोना के मामले निरंतर बढ़ रहे हैं। पिछले सात दिन में पिछले सात दिन में अब तक 10,205 नए मामले आए हैं। 5,916 कोरोना पॉजिटिव ठीक हुए हैं। साथ ही 130 लोगों की जान गई है। पिछले कल हिमाचल में रिकॉर्ड 2,073 मामले आए थे। तीन दिन में ही 66 लोगों की मृत्यु कोरोना के चलते हुई है। हिमाचल में आज अब तक 442 मामले आए हैं। वहीं, एक हजार कोरोना संक्रमित ठीक हुए हैं। 16 लोगों की जान अब तक गई है।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय निकाय अपने-अपने क्षेत्र में मानक संचालन प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों को प्रभावी रूप से लागू करने में शामिल होंगे और उनके पास उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार होगा, ताकि कोरोना महामारी को फैलने से रोका जा सके। बैठक में स्थानीय स्तर पर विशेष कार्यदल गठित किए जाने का निर्णय लिया गया ताकि सभी धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक समारोहों के दौरान मानक संचालन प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। इन दलों को सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों और मानक संचालन प्रक्रियाओं का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अधिकार होगा राज्य सरकार समय-समय पर स्थितियों का समीक्षा करके उचित निर्णय लेगी। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, तकनीकी शिक्षा और जनजातीय विकास मंत्री डॉ. राम लाल मार्कंडेय, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल, वन मंत्री राकेश पठानिया, मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी और अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।