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Himachal: कोरोना महामारी के बीच यहां मांस-मछली की बिक्री पर लगा प्रतिबंध-जाने कारण
नाहन। हिमाचल के सिरमौर जिला में चैत्र नवरात्रों के दौरान त्रिलोकपुर के आसपास के क्षेत्रों में मांस व मछली विक्रय की दुकानें (Meat and Fish Shops) नहीं लगेंगी। इसको लेकर डीसी डॉ. आरके परूथी ने सोमवार को अधिसूचना (Notification) जारी की है। डॉ. आरके परूथी ने बताया कि इस वर्ष कोविड-19 संक्रमण के बढ़ने की आशंका के दृष्टिगत हिमाचल सरकार द्वारा मेले के आयोजन पर रोक लगाई गई है, लेकिन चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) के दौरान श्रद्वालुओं के 13 अप्रैल से 27 अप्रैल 2021 तक विभिन्न क्षेत्रों से अपनी आस्था एवं मन्नतों के साथ श्री महामाया बाला सुन्दरी त्रिलोकपुर मंदिर (Mahamaya Bala Sundari Trilokpur Temple) में आने की संभावना है। अधिसूचना के अनुसार त्रिलोकपुर के आसपास के क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की मांस व मछली विक्रय की दुकानें नहीं लगेंगी।
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कालाआंब से त्रिलोकपुर तक सड़क के साथ लगती मांस व मछली की दुकानों में विक्रताओं को केवल दुकान के अंदर ही पर्दे में मांस व मछली को विक्रय करना होगा तथा उपरोक्त क्षेत्र में मास व मछली की बिक्री पर इस अवधि के दौरान पूर्ण प्रतिबंध (Complete Ban) रहेगा ताकि श्री महामाया बालासुन्दरी जी त्रिलोकपुर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं (Devotees) में किसी प्रकार का जनाक्रोश उत्पन्न न हो। इसके अलावा चैत्र नवरात्र के दौरान 13 अप्रैल से 27 अप्रैल 2021 तक त्रिलोकपुर क्षेत्र में हथियार लेकर चलने पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध मंदिर में भक्तों के आगमन के दृष्टिगत कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला दंडाधिकारी डॉ. आरके परूथी ने सीआरपीसी की धारा 144 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए किसी भी व्यक्ति द्वारा इस अवधि के दौरान कालाआंब पुलिस क्षेत्र और मन्दिर क्षेत्र में आग्नेय शस्त्र, विस्फोटक सामग्री व अन्य धारधार हथियार लेकर चलने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया है।
जिला प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन
13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रे शुरू हो रहे हैं। लिहाजा, उत्तर भारत की प्रसिद्ध सिद्धपीठ महामाया बालासुंदरी मंदिर त्रिलोकपुर के लिए जिला सिरमौर प्रशासन (District Sirmaur Administration) ने गाइडलाइन जारी कर दी है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद माता के दर्शनों के लिए आने पर कोई रोक नहीं हैं, लेकिन श्रद्धालुओं को कोविड-19 प्रोटोकॉल को फॉलो करना होगा। तभी माता के दरबार में उनकी एंट्री होगी। साथ-साथ जागरण, भंडारों व कीर्तन आदि पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। डीसी सिरमौर डा. आरके परूथी (DC Sirmaur Dr. RK Paruthi) ने बताया कि 13 से 27 अप्रैल तक आयोजित होने वाले चैत्र नवरात्रों के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल को फॉलो करना सभी के लिए अनिवार्य होगा। श्रद्धालुओं के लिए मास्क लगाना आवश्यक होगा। बिना मास्क के किसी को भी मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने, हाथ इत्यादि धोने के लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी। किसी प्रकार का लंगर, कीर्तन, जागरण आदि पर प्रतिबंध रहेगा और न ही इसकी अनुमति दी जाएगी।