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टैक्स देने से बचना चाहते हैं तो अपनाएं यह तरीका
Last Updated on January 6, 2022 by admin
नई दिल्ली। सरकार की इनकम (Income) का सबसे बड़ा जरिया टैक्स है। सरकार ने टैक्स (TAX) का एक दायरा रखा होता है। इस दायरे के आगे आपको कुछ रकम टैक्स के रूप में देनी पड़ती है। मौजूदा समय में जिस व्यक्ति की सालाना आय (Annual Income) दस लाख के ऊपर है उसे टैक्स देना पड़ता है। अगर आप भी आयकरदाता हैं और अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में देते हैं तो आप यह टैक्स देने से बचना चाहते हैं तो हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं।
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सेविंग और खर्चों का रखें हिसाब, तभी मिलेगा लाभ
आपको सेविंग (Saving) और खर्चों को इस हिसाब से रखना है, ताकि आप उस पर मिल रही टैक्स छूट का पूरा पूरा फायदा उठा सके। हम आपको बहुत आसान शब्दों में ये तरीका समझाने जा रहे हैं, जिसके बाद आप अपनी टैक्स देनदारी को जीरो कर सकते है। चलिए समझते हैं..
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यहां समझिए कैसे टैक्स से बचाएं अपने पैसे
मान लीजिए कि आपकी सालाना सैलरी 10,50000 रुपए है और आपकी उम्र 60 साल से कम हैए मतलब आप 30 परसेंट स्लैब में आएंगे।
1. सबसे पहले आप स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 50,0000 रुपए घटा दीजिए
10,500000-50,000 = 10,00000 रुपए
2. इसके बाद 80सी के तहत आप 1.5 लाख रुपए बचा सकते हैं। इसमें आप EPF, PPF, ELSS, NSC में निवेश और दो बच्चों के ट्यूशन फीस के रूप में आप सालाना 1.5 लाख रुपए तक की रकम पर इनकम टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं।
10,000,000- 1,50,000 = 8,50,000 रुपए
3. अगर आप अपनी तरफ से नेशनल पेंशन सिस्टम या एनपीएस में सालाना 50,000 रुपए तक निवेश करते हैं तो इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सीसीडी (1B) के तहत आपको अलग से Income Tax बचाने में मदद मिलती है।
8,50,000-50,0000= 8,00,000 रुपए
4. अगर आपने होम लोन ले रखा है तो इनकम टैक्स के सेक्शन 24B के तहत आप दो लाख के ब्याज पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं।
800000-20000=600000 रुपए
5. इनकम टैक्स के सेशन 80D के तहत जीवनसाथी, बच्चों और अपने लिए प्रिवेंटिव हेल्थकेयर चेकअप की कॉस्ट सहित हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए 25,000 रुपए तक डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसके अलावा अगर माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं तो 50,000 रुपए तक अतिरिक्त डिडक्शन पा सकते हैं। शर्त यह है कि माता-पिता सीनियर सिटीजन हों।
6,00000-75,000 = 5,25000 रुपए
6. इनकम टैक्स के सेक्शन 80G के तहत आप संस्थाओं को दान के रूप में या चंदे के रूप में दी गई रकम पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। मान लीजिए आपने 25,000 रुपए का चंदा दिया तो इस पर टैक्स छूट ले सकते हैं। हालांकि दान या चंदे को पुख्ता करने के लिए आपको दस्तावेज जमा कराने होंगे। जिस संस्थान को चंदा या दान देते हैं, उसकी तरफ से मुहर लगी रसीद मिलनी चाहिए। दान का यही सबूत होगा जिसे टैक्स डिडक्शन के समय जमा करना होगा।
5,25000-25,000=5,00000 रुपए
7. तो अब आपको 5 लाख रुपए की आय पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा और आपकी टैक्स देनदारी 12,500 रुपए (2.5 लाख का 5%) होगी, लेकिन चूंकि छूट 12,500 रुपए की है, इसलिए उसे 5 लाख वाले स्लैब में शून्य कर का भुगतान करना होगा।
कुल टैक्स डिडक्शन = 5,00000
नेट इनकम =5,00000
टैक्स देनदारी =0 रुपए
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