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नोबेल विजेता डेसमंड टूटू का निधन, दलाई लामा ने जताया गहरा दुख
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डेसमंड टूटू (Nobel laureate Desmond Tutu) का निधन हो गया। 90 वर्षीय टूटू ने जीवनभर दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद के खिलाफ लउाई लडी। उनका निधन केप टाउन में हुआ। उनके निधन पर तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा (Dalai Lama) ने गहरा दुख व्यक्त किया है। टूटू एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक नेता और वैश्विक मानवाधिकार प्रचारक थे। इस साल अक्टूबर में उन्होंने अपना 90वां जन्मदिन मनाया था। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने उन्हें राष्ट्रीय खजाना और ग्लोबल आइकन कहकर पुकारा था।
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His Holiness the Dalai Lama sends his condelences on the passing of Archbishop Desmond Tutu. https://t.co/njLb7BY3Ky
— Dalai Lama (@DalaiLama) December 26, 2021
रंगभेद के अहिंसक विरोध के लिए वर्ष 1984 में टूटू को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। डेसमंड टूटू को भारत में भी गांधी शांति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। वर्ष 1994 में मंडेला के दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बनने के बाद, टूट को उनके द्वारा रंगभेद युग के दौरान गोरों और अश्वेतों द्वारा किए गए अपराधों की जांच के लिए स्थापित एक आयोग में नियुक्त किया गया था। रंगभेद विरोधी प्रतीक नेल्सन मंडेला के साथ.साथ टूटू भी लगातार संघर्ष करते रहे। वो 1948 से 1991 तक दक्षिण अफ्रीका में अश्वेतों के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ते रहे। रंगभेद व्यवस्था को खत्म करने के संघर्ष में उनकी भूमिका के लिए उन्हें 1984 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
Archbishop Emeritus Desmond Tutu was a guiding light for countless people globally. His emphasis on human dignity and equality will be forever remembered. I am deeply saddened by his demise, and extend my heartfelt condolences to all his admirers. May his soul rest in peace.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2021
1990 के दशक में टूटू को प्रोस्टेट कैंसर हो गया था, हाल के दिनों में उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है, आर्चबिशप डेसमंड टूटू विश्व स्तर पर अनगिनत लोगों के लिए एक मार्गदर्शक थे। मानवीय गरिमा और समानता पर उनका काम हमेशा याद किया जाएगा। मैं उनके निधन से बहुत दुखी हूं और उनके सभी प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं, भगवान उसकी आत्मा को शांति प्रदान करे। उधर, तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने टूटू की बेटी को पत्र लिखकर कहा है कि कृपया मेरी हार्दिक संवेदना स्वीकार करें। पत्र में उन्होंने लिखा है कि मुझे याद है कि हमने 2015 में धर्मशाला में सप्ताह सहित कई मौकों पर एक साथ समय बिताया था, जब हम दुनिया में शांति और आनंद को बढ़ाने के बारे में अपने विचार साझा करने में सक्षम थे। हमारे बीच दोस्ती और आध्यात्मिक बंधन कुछ ऐसा था जिसे हमने संजोया था। उनके निधन सेए हमने एक महान व्यक्ति को खो दिया है, जिन्होंने वास्तव में एक सार्थक जीवन जिया।