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सातवां परमाणु परीक्षण करने जा रहा है तानाशाह किम जोंग उन
प्योंगयांग। रूस की यात्रा पर से लौटने के बाद उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग (North Korean Dictator) उन और सनकी हो गया है। संसद बुलाकर संविधान को बदलकर उसमें परमाणु हथियारों को देश के बुनियादी कानून में स्थायी जगह दे दी है। परमाणु शक्ति संपन्न देश उत्तर कोरिया ने इसी के साथ अपना सातवां परमाणु परीक्षण (Seventh Nuclear Test) करने का इरादा जता दिया है। इससे पहले वह छह परमाणु परीक्षण कर चुका है। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA ने कहा कि किम जोंग उन ने मंगलवार और बुधवार को आहूत संसद (पीपुल्स असेंबली) की बैठक में कहा, “देश की परमाणु बल-निर्माण नीति को राज्य के बुनियादी कानून के रूप में स्थायी बना दिया गया है, जिसका किसी को भी उल्लंघन करने की अनुमति नहीं है।”
अब तक छह परमाणु परीक्षण कर चुका
उत्तर कोरिया ने इस साल रिकॉर्ड संख्या में मिसाइल टेस्टिंग (Missile Testing) और अन्य हथियार परीक्षण किए हैं। दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ उसके संबंध बहुत तनावपूर्ण चल रहे हैं। 2017 से ही इस बात का डर पूरी दुनिया को सताता रहा है कि प्योंगयांग अपना पहला परमाणु परीक्षण कर सकता है। 2006 के बाद से इसने कुल छह परमाणु परीक्षण किए हैं। एक साल पहले उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियार संपन्न देश घोषित करने का एक कानून पारित किया था। तब किम ने कहा था कि यह दर्जा “अपरिवर्तनीय” है। उस नए कानून ने परमाणु हथियारों के पूर्व-उपयोग की भी अनुमति दी थी लेकिन अब, परमाणु निरस्त्रीकरण की उम्मीदों को और भी कम करते हुए, पीपुल्स असेंबली ने परमाणु हथियारों की स्थिति को संविधान में ही निर्धारित कर दिया है।
नाटो के एशियाई संस्करण पर जताया ऐतराज
किम ने यह भी कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने एक त्रिकोणीय सैन्य गठबंधन (Triangular Military Alliance) बना लिया है। संयुक्त राष्ट्र में भी नॉर्थ कोरिया ने कहा है कि अमेरिका ‘नाटो का एशियाई-संस्करण’ बना रहा है, जिसमें यूरोपीय देश और अमेरिका समेत कनाडा भी शामिल है। यह युद्ध और आक्रामकता का मूल कारण है। किम ने कहा, “यह सबसे खराब वास्तविक खतरा है, धमकी भरी बयानबाजी या काल्पनिक इकाई नहीं।”