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अवैध कब्जा करने पर भगवान भोलेनाथ को नोटिस, सुनवाई में ना आने पर दस हजार का जुर्माना, कब्जे से होंगे बेदखल
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत के बाद भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में यह चेतावनी भी दी गई है कि सुनवाई में हाजिर नहीं होने पर 10 हजार का जुर्माना और कब्जे से बेदखल किया जा सकता है। इस मामले में अगली पेशी 25 मार्च को होगी। उस पेशी में भोलेनाथ सहित अन्य आरोपियों को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना होगा। रायगढ़ तहसील कार्यालय के नायब तहसीलदार (Naib Tehsildar) ने जमीन और तालाब के कब्जे के मामले में 10 लोगों को नोटिस (Notice) जारी किया है।
दरअसल, रायगढ़ के वॉर्ड 25 में रहने वाली सुधा रजवाड़े ने बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur HighCourt) में याचिका लगाई थी, जिसमें शिव मंदिर (Shiv Temple) समेत 16 लोगों पर सरकारी भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। हाईकोर्ट (High Court) ने राज्य सरकार और तहसीलदार कार्यालय को इसकी जांच करने का आदेश दिया था।
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तहसील कार्यालय के अधिकारी ने एक जांच टीम बनाकर 3 दिनों तक जांच की, भगवान शिव को नोटिस
जांच के दौरान पता चला कि 10 लोगों ने जमीन और तालाब पर कब्जा कर रखा है। इसके बाद संबंधित लोगों को नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस के छठे नंबर पर शिव मंदिर का नाम है। तहसील प्रशासन ने नोटिस पर मंदिर के ट्रस्टी, प्रबंधक या पुजारी के नाम दर्ज करने बजाय शिव भगवान का नाम लिख दिया। इस तरह भोलेनाथ के खिलाफ ही प्रशासन ने नोटिस जारी कर दिया है। नायब तहसीलदार ने 25 मार्च, 2022 को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। नोटिस में साफ तौर पर लिखा हुआ है कि यह काम छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत अनाधिकृत है। इसके लिए आपको 10 हजार रुपए के अर्थदंड किया जा सकता है। इसके साथ ही कब्जारत भूमि से भी बेदखल किया जा सकता है।
जांजगीर में भी भगवान को नोटिस
छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिला में भी सिंचाई विभाग अपनी जमीन की सुध ले रहा है। वह भी अपनी जमीन और सर्विस रोड अवैध कब्जा को हटाने के लिए नोटिस भेज रहा हैं। इस क्रम में सिंचाई विभाग ने भी एक शिव मंदिर को नोटिस भेज दिया है। जांजगीर में यह नोटिस चर्चा का विषय बना हुआ है