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स्टेट टीचर अवार्ड में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका में सरकार को नोटिस
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने स्टेट टीचर अवार्ड में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका में सरकार को नोटिस (Notice) जारी कर 4 सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने के आदेश दिए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह (Justice Tarlok Singh Chauhan and Justice Virender Singh) की खंडपीठ ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डोमेहर जिला सोलन में कार्यरत शारीरिक शिक्षा अध्यापक राज कुमार (Rajkumar) की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात यह आदेश जारी किए। कोर्ट ने स्टेट टीचर अवार्ड के लिए चयनित तीन शिक्षकों को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखने के आदेश दिए। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर उससे कम मेरिट के अध्यापकों को स्टेट टीचर अवार्ड के लिए चयनित किया। प्रार्थी के अनुसार उसका चयन वर्ष 2007 में पीटीए अध्यापक (PTA Teacher) के रूप में हुआ था।
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उसने बास्केटबॉल, हैंडबॉल, खो-खो और कबड्डी (Basketball, Handball, Kho-Kho and Kabaddi) इत्यादि खेलों के कोच के रूप में बच्चों को प्रशिक्षण दिया और उसके 8 शिष्य खेल कोटे के तहत सरकारी नौकरी पाने में भी सफल रहे। उसके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सीएम व अन्य मंत्रियों सहित शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने भी पुरस्कृत किया। 2011 की जनगणना में उसकी कर्तव्य निष्ठा को देखते हुए भारत सरकार ने ब्रॉन्ज मेडल भी दिया। अबू धाबी दुबई में आयोजित स्पेशल चिल्ड्रन ओलंपिक में भारतीय बास्केटबॉल टीम के कोच के रूप में काम किया। और भारत की टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
जुलाई 2022 को बास्केटबॉल खेल के लिए रिसोर्स पर्सन नियुक्त किया गया और उसने पूरे हिमाचल के डीपीई को प्रशिक्षण दिया। सरकार ने वर्ष 2018 में स्कूल अध्यापकों के लिए स्टेट टीचर अवार्ड नीति बनाई। अपनी अनेकों उपलब्धियों के साथ प्रार्थी ने इस नीति के तहत अवार्ड के लिए आवेदन किया। 12 अगस्त 2022 को उच्च शिक्षा निदेशक ने उसका आवेदन बिना किसी कारण बताए खारिज करते हुए वापस भेज दिया। सरकार का यह रवैया भेदभावपूर्ण रहा क्योंकि उसका आवेदन स्टेट लेवल कमेटी को भेजने से पहले ही बिना कारण बताए वापिस भेज दिया। 2 सितम्बर को सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर अवार्ड के लिए प्रार्थी के समकक्ष 3 ऐसे शिक्षकों के नाम की घोषणा की जो उससे मेरिट में कम है। प्रार्थी के अनुसार यह अधिसूचना मेरिट के लिए बिना मापदंड तय किए ही जारी कर दी गई और अपने चहेतों के नामों की घोषणा स्टेट टीचर अवार्ड के लिए कर दी। प्रार्थी ने अवार्ड के लिए चयनित अध्यापक गजेंद्र सिंह ठाकुर हरीश कुमार ठाकुर और सुरेंद्र सिंह का चयन रद्द करने की गुहार लगाते हुए अपने आवेदन पर पुनर्विचार करने के आदेशों की मांग की है।
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