-
Advertisement
हिमाचल हाईकोर्ट ने डॉक्टरों के 300 पद भर्ती मामले पर सुरक्षित रखा फैसला
Last Updated on September 13, 2022 by Vishal Rana
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने लिखित परीक्षा के माध्यम से डॉक्टरों के 300 पद भरने (Filling 300 Posts of Doctors) के विरोध में दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने इस मामले में स्पष्ट किया था कि बिना अदालत की अनुमति से परीक्षा का परिणाम (EXAM Result) घोषित नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि इस मामले में प्रदेश हाईकोर्ट से याचिकाकर्ता डॉक्टरों को कोई फौरी राहत नहीं मिली थी। हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को भर्ती परीक्षा में बैठने की अनुमति देते हुए परीक्षा परिणाम कोर्ट के आगामी आदेशानुसार ही घोषित करने के आदेश पारित किए थे। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने डाक्टरों के 300 पदों की भर्ती लिखित परीक्षा के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया था।
याचिकाकर्ता डॉक्टर शौर्या चौधरी और अन्य की ओर से दायर याचिका में दलील दी गई है कि राज्य सरकार वर्ष 2012 से 2022 तक इन पदों को वाक इन इंटरव्यू से ही भरती आ रही है। परंतु राज्य मंत्रिमंडल ने 200 पद वाक इन इंटरव्यू से और 300 पद लिखित भर्ती परीक्षा करवाकर भरे जाने का निर्णय लिया है। 21 दिसंबर 2020 को राज्य सरकार ने चिकित्सकों के 251 पद वाक इन इंटरव्यू (Walk in Interview) से ही भरे थे। इसके अलावा एक फरवरी 2022 को भी चिकित्सकों के 43 पद भरे गए थे। 14 जुलाई, 2022 को राज्य सरकार ने चिकित्सकों के 200 पद वाक इन इंटरव्यू से भरे जाने को स्वीकृति दी थी। आरोप लगाया गया है कि 3 अगस्त, 2022 को राज्य सरकार ने अपने ही फैसले को पलटते हुए 300 पदों को लिखित परीक्षा के माध्यम से भरे जाने का निर्णय लिया है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल हाईकोर्ट से जेबीटी भर्ती मामले में बिना जेबीटी टेट बीएड धारकों को कोई राहत नहीं
सरकार का इस तरह का निर्णय नियमों के विपरीत ही नहीं बल्कि नौकरी की राह देख रहे प्रशिक्षु चिकित्सकों के साथ भी खिलवाड़ है। राज्य सरकार ने दलील दी कि नियमों के अनुसार परीक्षा के माध्यम से इन पदों को भरने का जिम्मा अटल चिकित्सा अनुसंधान विश्वविद्यालय को दिया है। विश्वविद्यालय ने प्रदेश में 300 चिकित्सकों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। चिकित्सकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 4 सितम्बर को निर्धारित की गई है। प्रशिक्षु चिकित्सकों ने अदालत से गुहार लगाई है कि इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द किया जाए और सरकार को आदेश दिए जाएं कि इन पदों को नियमों के अनुसार वाक इन इंटरव्यू से ही भरा जाए।
हिमाचल हाईकोर्ट में कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले की सुनवाई टली
हिमाचल हाईकोर्ट में कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले (Computer Teacher Recruitment Case) पर हो रही सुनवाई 21 सितंबर के लिए टल गई है।न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ में मामले पर मंगलवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कंप्यूटर अध्यापकों की उस भर्ती नियम को चुनौती दी है जिसके तहत विभाग ने 5 वर्ष का अनुभव को भर्ती के लिये योग्य शर्त बनाया है। गौरतलब है कि कंप्यूटर शिक्षक भर्ती मामले में प्रशानिक ट्रिब्यूनल ने वर्ष 2013 से स्थगन आदेश पारित किए हैं जिसके बाद आज तक कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है। कंप्यूटर शिक्षकों ने भी हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर कोर्ट से उनकी सेवाओं को नियमित करने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि कंप्यूटर शिक्षक हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में वर्ष 2002 से आज तक सेवाएं देते आ रहे हैं। मामले पर आगामी सुनवाई 21 सितम्बर को होगी।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group