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अब हेलमेट पहनकर सफर करेंगे अमरनाथ यात्री, रास्ते में लैंडस्लाइड का खतरा
जम्मू। अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो रही है। इस बार अमरनाथ श्राइन बोर्ड (Amarnath Shrine Board) ने साफ कर दिया है कि लैंडस्लाइड (Landslide) के जोखिम वाले रास्तों में यात्रियों को हेलमेट पहनना ही होगा। तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 30 जून को जम्मू भगवती नगर बेस कैम्प से घाटी के लिए रवाना होगा। ये हेलमेट श्राइन बोर्ड की तरफ से मुफ्त मुहैया कराए जाएंगे।
जो लोग खच्चर से जाएंगे उनके लिए भी हेलमेट जरूरी होगा। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुताबिक, लैंडस्लाइड और पत्थर गिरने की घटनाओं को देखते हुए इस बार हाई रिस्क जोन वाले ढाई किमी के रास्ते में यात्रियों (Amarnath Pilgrimage) को हेलमेट अनिवार्य किया गया है। इतना ही नहीं साथ ही पहाड़ी इलाकों में 30 से ज्यादा ट्रेंड माउंटेन रेस्क्यू टीमों को तैनात किया है।
अब तक 3 लाख रजिस्ट्रेशन
अमरनाथ यात्रा के लिए इस साल 28 जून तक करीब 3.04 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले साल से 10% ज्यादा है। इस साल कठुआ से लेकर पवित्र गुफा तक एक साथ 70 हजार यात्रियों के ठहरने का इंतजाम किया गया है। इस बार भी पवित्र गुफा के पास रात में किसी यात्री को ठहरने नहीं दिया जाएगा।
100 बिस्तरों वाले दो अस्पताल तैयार
अमरनाथ यात्रा से पहले DRDO और जम्मू-कश्मीर प्रशासन (Jammu Kashmir Administration) ने बालटाल और चंदनवाड़ी में 100-100 बिस्तरों के दो अस्पताल बनाए हैं। दोनों अस्पताल सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा सचिव भूपिंदर कुमार के मुताबिक प्रशासन ने दोनों अस्पतालों के लिए 13-13 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। श्राइन बोर्ड ने 1700 डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मचारियों की तैनाती की गई है। 4000 सफाई कर्मचारी और यात्रा के दोनों मार्गों पर 5100 टॉयलेट्स बनाए गए हैं।
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