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Himachal और दिल्ली के होटलों में प्लेट के स्थान पर पत्तलों में परोसा जाएगा खाना
शिमला। हिमाचल में शादी समारोहों में खाना खाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टौर के पत्तों से बने पत्तल (Natural leaf Plates) अब प्रदेश के बड़े होटलों में दिखेंगे। होटलों (Hotels) में खाना खाने के लिए प्लेट की जगह अब इनका इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी शुरूआत दिल्ली और हिमाचल के होटलों से की जाएगी। यह पत्तल पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएंगे। वहीं, इससे पत्तल तैयार करने वाली स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की आर्थिकी में भी बढ़ौतरी होगी। होटलों में पत्तले पहुंचाने के लिए वन विभाग इनकी मदद करेगा। वन विभाग (Forest Department) इन पत्तलों को होटलों में बेचने के लिए विभिन्न एजेंसियों से बात कर रहा है।
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वहीं वन विभाग जाईका प्रोजेक्ट (Jaeeka Project) के तहत मशीनों से पत्तलें तैयार करवाएगा। पहले चरण में मंडी के बणीधार और गमोहू क्षेत्र चयनित किए गए हैं। ऑर्डर मिलने पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं (Women from self-help groups) पत्तलों के साथ कटोरी के आकार के डोने भी बनाएंगी। बता दें कि महिलाएं दो मशीनों से एक माह में तकरीबन 10-10 हजार पत्तलें तैयार करेंगी। इससे महिलाओं की आर्थिकी सुदृढ़ होगी और कार्य में बढ़ोतरी होने पर यह अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए भी रोजगार उपलब्ध करवाएंगी। बता दें कि अभी तक महिलाएं अपने स्तर पर सुंदरनगर उपमंडल की ध्वाल पंचायत में करीब 500 हेक्टेयर में फैले टौर के जंगल से पत्ते इक्ट्ठे हैं, जबकि मंडी (Mandi) में पंडोह के ऊपरी क्षेत्र के करीब 300 हेक्टेयर के जंगल से भी पत्ते लाए जाते हैं। कार्य बढ़ने पर पत्ते एकत्रित कर लाने का काम गांव की महिलाओं को सौंपा जाएगा। इन दोनों स्थानों पर 20-20 की संख्या के स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं यह कार्य करेंगी। पत्तलें पहले हाथ से तैयार होंगी, इसके बाद उन्हें मशीन में आकार दिया जाएगा। विभाग महिलाओं को मशीन से पत्तलों को उनके आकार में ढालने के लिए प्रशिक्षित भी करेगा।