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“मोदी शिव अवतार” बयान पर बोले सुरेश भारद्वाज – मैंने जो कहा उसमें कुछ गलती नहीं
शिमला। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज के पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को भगवान शिव का अवतार बताने वाले बयान पर काफी बवाल मचा हुआ है। सुरेश भारद्वाज के इस बयान को लोग कई रूपों में देख रहे हैं और अलग-अलग धागों में पिरो रहे हैं। भारी बवाल के बाद आज सुरेश भारद्वाज ने फिर इस विषय पर अपनी बात रखी। उनका कहना है कि उन्होंने पीएम मोदी को भगवान शिव का अवतार कहकर कोई गलती नहीं की है। वह अपनी बात पर अभी भी अडिग हैं।
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सुरेश भारद्वाज (Suresh Bhardwaj) ने कहा कि पीएम मोदी 2019 चुनाव के नतीजों से पहले केदारनाथ गुफा में तपस्या में लीन रहे। पिछले साल कोरोना वायरस देश में आय़ा। मोदी ने इस स्थिति को बहुत अच्छी तरह से हैंडल किया। दुनिया के बाकी देशों से तुलना करें तो भारत में सबसे कम मृत्यू दर रही और सबसे ज्यादा रिकवरी। लॉकडाउन के दौरान किसी को भूखा नहीं रखा गया। सबके पास सुविधाएं ना होने के बावजूद लोगों ने मास्क बनाए। ये काम किसी महापुरुष या अवतार का ही होता है, अवतार ही महापुरष ही होते हैं। अवतार मनुष्य रूप में होते हैं। उनके पास कोई ईश्वर शक्ति होती है और इनकी तुलना किसी व्यक्ति से नहीं की जाती ईश्वर से भी नहीं की जाती। अवतार तो मनुष्य रूप में ही आते हैं, अवतार ईश्वर स्वयं नहीं होता है इसलिए मैं समझता हूं कि इस प्रकार से मैंने कोई गलती नहीं की है।
1918 में स्पेनिश फ्लू आय़ा था, करोड़ों लोग मरे थे, कई वर्षों तक दवा नहीं आई थी, भारत के लोग सोच भी नहीं सकते थे कि वैक्सीन आएगी। लेकिन कोरोना (Corona) के समय दो-दो वेक्सिन एक वर्ष के भीतर बना देना भारत जैसे देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। भारत आज दो-दो वेकिसन बना चुका है और आत्मनिर्भर है। हेल्थ की दृष्टि से भी और डिफेंस की दृष्टि से भी और बाकी चीजों में भी। 2014 के बाद से जो देश में परिवर्तन आया है, उसके लिए हम अगर मोदी को अवतार कहते हैं तो कोई अतिशियोक्ति नहीं होगी। भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने जो कहा उसमें गलती नहीं की है।
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शिमला में लगाई ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ प्रदर्शनी
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज इससे पहले शिमला (Shimla) में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ नामक प्रदर्शनी में शामिल हुए। शिमला में आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ नामक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनी का उद्घाटन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया। यह प्रदर्शनी रीजनल आउटरीच ब्यूरो, ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन, चंडीगढ़, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार और भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश के सहयोग से आयोजित की जा रही है। आज से शुरू हुई ये प्रदर्शनी पांच दिन तक चलेगी और 16 मार्च को संपन्न होगी। इस प्रदर्शनी में आज़ादी के मतवालों का देश के लिए दिया योगदान व बलिदान को दर्शाया गया है। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि भारत को लंबे संघर्ष के बाद अंग्रेजी दासता से आज़ादी मिली थी। इस आज़ादी में लाखों वीर सपूतों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था। आज़ादी की लड़ाई में कुर्बानियों के बाद 1947 में देश आजाद हुआ। आज देश अपनी आज़ादी के 75 वर्ष मना रहा है। इस मौके पर उन वीर सपूतों को याद करना व प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना जरूरी है ताकि युवा पीढ़ी भी आज़ादी के परवानों की गाथाओं के बारे में जान सके।