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ब्रेकिंगः नहीं रहे पद्मश्री चरणजीत सिंह, सुबह पांच बजे ली अंतिम सांस
ऊना। पूर्व ओलंपियन और पद्मश्री चरणजीत सिंह ( Padmashree Charanjit Singh)का गुरुवार सुबह निधन हो गया है। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। आज सुबह पांच बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। चरणजीत सिंह 1964 के टोक्यो ओलंपिक( Tokyo Olympics ) में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के कप्तान थे।
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उन्हें अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। उनके निधन से खेल जगत सहित जिला ऊना में शोक की लहर है। चरणजीत सिंह का जन्म 3 फ़रवरी 1931, ऊना में हुआ था। वह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में शारीरिक शिक्षा विभाग के निदेशक पद पर भी रहे हैं। 1964 में उन्होंने देश के लिए स्वर्ण पदक जीता था। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से अधरंग से पीडि़त थे। शाम चार बजे ऊना के मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार होगा। सीएम जयराम ठाकुर ने उनके निधन पर शोक जताया है।
ऊना से पूर्व हॉकी खिलाड़ी और 1964 ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान रहे, पद्मश्री व अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित चरणजीत सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवार को संबल प्रदान करें।
ॐ शांति! pic.twitter.com/i4WlJxGZYF
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) January 27, 2022
चरणजीत सिंह पीरनिगाह रोड पर मैड़ी में रहते थे। वह 949 में पंजाब यूनिवर्सिटी की हॉकी टीम में शामिल हुए है और बाद में उन्हें यूनिवर्सिटी टीम का कप्तान बनाया गया। साल 1950 में उन्हें भारतीय हॉकी टीम में चुना गया। 1951 और 1955 में पाकिस्तान गई भारतीय टीम में चरणजीत सिंह को शामिल किया गया। 1959 में यूरोप दौरे के लिए गई भारतीय टीम का भी चरणजीत सिंह हिस्सा रहे। रोम ओलंपिक के लिए टीम में चरणजीत सिंह को शामिल किया गया था। लेकिन वह इस स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में नहीं खेल पाए । .साल 1961 में उन्हे भारतीय टीम का उपकप्तान बनाया गया। बाद में उनके नेतृत्व में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता। चरणजीत सिंह को उन्हें 1963 में अर्जुन अवॉर्ड और 1964 में उन्हें पदम श्री प्रदान किया गया।