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हिमाचल में डॉक्टरों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी, 2 घंटे तक ठप रहीं ओपीडी सेवाएं
मंडी/हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों का प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन (Protest) लगातार जारी है। मंडी जिला के सबसे बड़े अस्पताल श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में मंगलवार को भी 2 घंटों के लिए ओपीडी थम गई। इस दौरान केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चल पाईं। सैकड़ों मरीजों का हुजूम डॉक्टरों को तलाशता रहा लेकिन वहां पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं रहा। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा सुबह दो घंटे के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के खिलाफ पेन डाउन स्ट्राइक (Pen down strike) कर काम बंद रखा गया। इस दौरान डॉक्टरों द्वारा मेडिकल कॉलेज के गेट पर एक गेट मीटिंग का आयोजन कर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इससे पहले सोमवार को भी मेडिकल कॉलेज नेरचौक के डॉक्टरों ने ओपीडी में 2 घंटे तक काले बिल्ले लगाकर विरोध जताया था।
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श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन नेरचौक के महासचिव डॉ. रोशन ठाकुर ने कहा कि पंजाब सरकार नान -प्रैक्टिसिंग अलाउंस को 25 प्रतिशत करें और इसे मूल वेतन में शामिल किया जाए। इसके अलावा कोरोना काल में डॉक्टरों द्वारा दी जा रही सेवाओं के दौरान दुर्व्यवहार के मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन नेरचौक ने दो घंटे पेन डाउन स्ट्राइक की गई। उन्होंने कहा कि आरडीए नेरचौक भी कंधे से कंधा मिलाकर प्रदेश के चिकित्सकों के साथ खड़ी है।
हमीरपुर मेडिकल कालेज परिसर में डॉक्टरों ने गेट मीटिंग कर बनाई आगामी रणनीति
हमीरपुर। पंजाब पे कमीशन पर डॉक्टरों (Doctors) की नाराजगी के चलते प्रदेश में हिमाचल मेडिकल आफिसर एसोसिएशन ने गत दिवस पेन डाउन स्ट्राइक शुरू की थी उसी को आज आगे बढ़ाते हुए हमीरपुर मेडिकल कालेज में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने समर्थन में गेट मीटिंग कर सरकार को चेताया है। हमीरपुर मेडिकल कॉलेज परिसर में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर की अगुवाई में डॉक्टरों ने गेट पर इकट्ठे होकर सरकार से मांग की है कि सरकार डॉक्टरों के हितों को देखते हुए पंजाब पे कमीशन को न करे क्योंकि पंजाब की तर्ज पर ही हिमाचल में भी कर्मचारियों को वेतन लाभ मिलते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार नहीं मानती है तो दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक को बढ़ाकर शाम चार बजे तक भी कामकाज ठप रखा जाएगा और आने वाले समय में आपात कालीन सेवाओं को भी बंद किया जा सकता है।
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रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने कहा कि डॉक्टरों को सरकार की ओर मिलने वाले नॉन प्रैक्टिस अलाउंस को 25 प्रतिशत से घटाकर बीस प्रतिशत करने की कवायद शुरू है जिसका सभी डॉक्टर एसोसिएशन विरोध करती है। उन्होंने कहा कि छठे वेतन आयोग के इस फैसले को सरकार अगर मानती है तो डॉक्टर को वित्तीय हानि होगी और मनोबल गिरेगा। अभिषेक ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार नहीं मानती है तो दो घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक को बढाकर शाम चार बजे तक भी कामकाज ठप रखा जाएगा और आने वाले समय में आपातकालीन सेवाओं को भी बंद किया जा सकता है। उन्होने सरकार से मांग की है कि हिमाचल सरकार खुद का पे कमीशन ले कर आए और अगर पंजाब पे कमीशन को मानना है तो डॉक्टरों के हित में काम करना चाहिए।
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