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गिरीपार को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र का दर्जा तो डोडरा क्वार से क्या दुश्मनी
शिमला। सिरमौर में गिरीपार (Giripar) को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र का दर्जा मिलने से अब डोडरा क्वार के लोग सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) और मंत्री सुरेश भारद्वाज से खफा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री सुरेश भारद्वाज को कम से कम यह मुद्दा उठाना चाहिए था। वहीं सीएम को भी चाहिए था कि डोडरा क्वार का मुद्दा सदियों से भेजा रहा है। डोडरा क्वार भी एक पिछड़ा ऐरिया है। यह भी छह-सात महीने दुनिया से कटा रहता है। इसका कारण यह है कि चांसल में बहुत ज्यादा बर्फ पड़ती है। इसके अलावा डिरिम पार तो पहले से ही ओबीसी (OBC) की केटेगरी में रखा गया है। वहीं डोडरा क्वार (Dodra Quar) को आज तक ओबीसी क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है।
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डोडरा क्वाल के पूर्व में उत्तराखंड (Uttrakhand) है, जो 1904 से ओबीसी क्षेत्र घोषित है। पश्चिम में किन्नौर है। उसे भी 1975 में जनजातीय क्षेत्र घोषित किया गया है। मगर अफसोस है कि आज तक किसी सरकार को डोडरा क्वार की याद नहीं आई। दुर्भाग्य से यहां की आबादी आठ से नौ हजार तक है। यही कारण है कि यहां वोट कम होने की वजह से इस इलाके से भेदभाव किया जा रहा है। सबसे बड़ी दुख की बात है कि मारकंडे तो जनजातीय क्षेत्र के मंत्री हैं। उन्होंने भी डोडरा क्वार का साथ नहीं दिया। डोडरा क्वार को तो ऐसा फेंका जैसे दूध में निकाल कर मक्खी को फेंका जाता है। स्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी इसके लिए प्रयास किया था। मगर मौजूदा सरकार के मंत्रियों ने कुछ भी नहीं किया।\