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अब आपको मिलेगा बेहतर क्वालिटी का गेहूं-चावल, सरकार अपनाने जा रही यह सिस्टम
नई दिल्ली। कई बार शिकायतें मिलती हैं कि लोगों को डिपुओं में अच्छी गुणवत्ता वाला अनाज नहीं मिलता है। इसी को ध्यान में रखते हुए देश की जनता तक अच्छी गुणवत्ता वाला चावल (Rice) और गेहूं (Wheat) पहुंचाने के लिए सरकार अब एक ठोस कदम उठाने जा रही है। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत खाद्यान्न के भंडारण, संचालन और वितरण में दक्षता लाने के लिए सरकार जल्द ही एक डिजिटल प्रणाली (Digital System) शुरू करेगी। पहली अप्रैल, 2022 से शुरू होने वाले कदम से एफसीआई और अन्य सरकारी एजेंसियों के पास चावल और गेहूं के स्टॉक की मात्रा के साथ-साथ गुणवत्ता के जानकारी वास्तविक समय में मिलेगी। ऑनलाइन भंडारण प्रबंधन (ओएसएम) प्रणाली से अनाज के वितरण में मदद मिलने और सिस्टम में खामियों को कम करके खाद्यान्न भंडारण की लागत कम होने की उम्मीद है।
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हेरफेर को भी रोकने में मिलेगी मदद
राज्य सरकारों के सहयोग से विकसित की जा रही ओएमएस प्रणाली (OMS System) के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग भारतीय खाद्य निगम, केंद्रीय भंडारण निगम और राज्य भंडारण निगमों के गोदामों में रखे गए खाद्यान्न स्टॉक की जानकारी प्रदान करेगा। इसमें जानकारी खरीद वर्ष, गुणवत्ता और एक ही ट्रांजिट पर अनाज के बारे में ट्रक डेटा के आधार पर होगी। एफई के अनुसार, डीएफपीडी (DFPD) के सचिव सुधांशु पांडे ने बताया कि ओएसएम खरीद बिंदुओं से लेकर पीडीएस वितरण आउटलेट तक अनाज के स्टॉक के प्रत्येक स्टॉक को ट्रैक करेगा। इससे गोदामों और उचित मूल्य की दुकानों के बीच स्टॉक के परिवहन ठेकेदारों द्वारा हेरफेर की किसी भी संभावना को रोका जा सकेगा। पांडे ने कहा कि 16 राज्य आंध्र प्रदेश, बिहार (Bihar), छत्तीसगढ, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब (Punjab), तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल मार्च तक स्टोरेज मैनेजमेंट एप्लीकेशन को लागू करने के लिए सहमत हुए हैं।
खाद्यान्न भंडारण की लागत कम होने की उम्मीद
अधिकारियों का कहना है कि ओएमएस से अनाज डिस्ट्रीब्यूशन के लिए रूट ऑप्टिमाइजेशन में मदद और खाद्यान्न मैनेजमेंट व्यवस्था में खामियों पर रोक लगने से खाद्यान्न भंडारण की लागत कम होने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि ओएमएस के मार्च 15.31 के बीच ट्रायल के बाद 1 अप्रैल से आधिकारिक तौर पर शुरू किया जाएगा। किसी निश्चित समय पर एफसीआई (FCI) और राज्य एजेंसियों के पास औसतन 55 मिलियन टन 65 एमटी की सीमा में अनाज का स्टॉक होता है।
पीडीएस में सुधार पर नजर
खाद्यान्न भंडारण को डिजिटल (Digital) बनाने की यह पहल ऑनलाइन प्रणाली के तहत किसानों से चावल और गेहूं की खरीद के लिए डीएफपीडी के नियमों का पालन करती है। खाद्यान्नों की भूमि अभिलेख आधारित खरीद वर्तमान खरीफ धान खरीद 2021-22 से लागू की जा रही है जो 1 अक्तूबर, 2021 से शुरू हुई थी। पीडीएस में सुधार के अगले चरण में, खाद्य मंत्रालय राज्यों में एमएसपी संचालन के तहत आने वाले किसानों के लिए एक ऑनलाइन भुगतान प्रणाली विकसित कर रहा है, ताकि किसानों को भुगतान वास्तविक समय के आधार पर ट्रैक किया जा सके।
टीपीडीएस के तहत सरकार ने कई सुधार
टीपीडीएस (CPDS) में सुधार के लिए शुरू किए गए सुधारों के तहतए सरकार ने राशन कार्ड के डिजिटलीकरण, राशन कार्डों की आधार सीडिंग और उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) मशीनों की स्थापना जैसे कई उपाय शुरू किए हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसारए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को कवर करने वाले सभी 23.5 राशन कार्डों का डिजिटलीकरण कर दिया गया है, जबकि लगभग 93 फीसदी राशन कार्डों को आधार संख्या के साथ जोड़ा गया है। वर्तमान में देश भर में स्थित 5.33 एफपीएस में से 95 फीसदी से अधिक में ईपीओएस मशीनें हैं।