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देश भर में पहचान पत्र के स्तर पर इस्तेमाल होने वाले आधार कार्ड की कीमत में कुछ बदलाव किए गए हैं। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) Unique Identification Authority of India (UIDAI ) ने आधार वेरिफिकेशन की राशि 20 रुपए से घटाकर 3 रुपए कर दी है। यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सौरभ गर्ग ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र (Financial Technology Sector) में आधार का लाभ उठाने की बहुत संभावनाएं हैं।
यूआईडीएआई के सीईओ सौरभ गर्ग ने कहा कि हमने प्रति वेरिफिकेशन की दर 20 रुपए से घटाकर 3 रुपए कर दी है और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभिन्न एजेंसियां और संस्थान सरकार द्वारा तैयार डिजिटल बुनियादी ढांचे का बेहतर उपयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि मान-सम्मान के साथ लोगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए इन बुनियादी ढांचों का उपयोग जरूरी है।
बता दें कि देश में अब तक 99 करोड़ ई-केवाईसी के लिए आधार प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि, यूआईडीएआई किसी के साथ बायोमेट्रिक्स (Biometrics) साझा नहीं करता है और अपने सभी भागीदारों से अपेक्षा करता है कि वे समान स्तर की सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखें जैसा कि प्राधिकरण करता है। गौरतलब है कि नया आधार कार्ड बनवाने के लिए कोई पैसा नहीं देना होता है, लेकिन आधार कार्ड को अपडेट करने जैसे- नाम, पता, जन्म तिथि, ई-मेल आदि में सुधार के लिए चार्ज देना पड़ेगा। डेमोग्राफिक अपडेट (Demographic Update) के लिए 50 रुपए और बायोमेट्रिक अपडेट के लिए 100 रुपए (डेमोग्राफिक अपडेट के साथ/बिना) देने पड़ेंगे।
भारत में आधार कार्ड एक जरूरी दस्तावेज है। आधार वेरिफिकेशन का मतलब है कि किसी योजना के लाभार्थी की सही पहचान करने के लिए आधार संख्या का इस्तेमाल किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने तमाम योजनाओं को आधार से लिंक कर दिया है। आधार का उपयोग करते हुए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्लेटफॉर्म के तहत 54 मंत्रालयों की लगभग 311 केंद्रीय योजनाएं आती है। सरकार की पीएम-किसान निधि योजना (PM Kisan Nidhi Yojana) आधार प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जिसके तहत लगभग 10 करोड़ किसानों को हर चार महीने के बाद 2000 रुपए ट्रांसफर किए जा रहे हैं।
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