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शराब पीकर बैठे Driving Seat पर तो स्टार्ट ही नहीं होगी गाड़ी, घरवालों को भी चला जाएगा मैसेज
मंडी। शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण आए दिन देश भर में सैंकड़ों हादसे होते हैं और इन हादसों की रोकथाम के लिए सरकारों ने कई कड़े कानून भी बना रखे हैं। लेकिन सोचिए कि आप शराब पीकर अपनी गाड़ी की ड्राइविंग सीट (Driving Seat) पर बैठे और गाड़ी स्टार्ट ही न हो। शायद सोचने में अटपटा जरूर लगे, लेकिन हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर (Mandi in Himachal) के एक युवक ने ऐसा उपकरण तैयार कर दिया है। मंडी शहर के तल्याहड़ वार्ड निवासी प्रणय शर्मा ने सीएम स्टार्टअप के तहत एक ऐसा उपकरण बनाया है जो शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर ऐसा शिकंजा कसेगा कि गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होगी।
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प्रणय शर्मा (Pranay Sharma) ने बताया कि जो उपकरण उन्होंने बनाया है उसे उन्होंने डीएनडी रोधक (Anti-DND) नाम दिया है। इस उपकरण को गाड़ी में इंस्टाल करना होगा। इसमें कैमरा भी लगा है और सेंसर भी। जैसे ही कोई व्यक्ति शराब पीकर ड्राइविंग सीट पर बैठेगा तो यह सिस्टम गाड़ी को लॉक कर देगा और गाड़ी स्टार्ट नहीं होगी। वहीं घरवालों के मोबाइल पर भी इस बात का मैसेज चला जाएगा। इससे जहां हादसों में कमी आएगी वहीं लोग भी सुरक्षित रह पाएंगे। प्रणय शर्मा ने बताया कि इस उपकरण को बनाने में उनके साथ नवेक्षा सूद, रचित जैन, पल्लवी सिन्हा, अदिति पोहेकर और राजू खरबंदा ने अपनी अहम भूमिका निभाई है
वहीं प्रणय ने इस उपकरण में दो और फीचर भी जोड़े हैं। यदि आप गाड़ी चलाते वक्त फोन का इस्तेमाल करते हैं और उबासियां मारते हैं तो फिर जोर का अलार्म बजेगा जिससे आप एक दम से सचेत हो जाएंगे। एचआरटीसी सहित रात को चलने वाले अन्य वाहनों के लिए यह काफी मददगार साबित हो सकता है क्योंकि रात को नींद आने के कारण कई हादसे होते हैं और यह उपकरण आपको नींद आने से पहले ही जगा देगा। प्रणय शर्मा बताते हैं कि हादसों को देखकर उनका मन विचलित हुआ था जिसके बाद उन्होंने यह उपकरण बनाने की ठानी थी और आज इसमें उन्हें सफलता भी मिली है। वहीं उन्होंने अब इस उपकरण को देश की बड़ी नामी वाहन निर्माता कंपनियों के समक्ष प्रेजेंटेशन देने का भी निर्णय लिया है ताकि वाहन को बनाते वक्त ही इसे उसमें फिट कर दिया जाए।
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प्रणय शर्मा के इस उपकरण को भारत सरकार के निधि प्रयास कार्यक्रम के तहत भी मान्यता मिल गई है और भारत सरकार के दूरसंचार मंत्रालय ने भी इस उपकरण के प्रति अपनी रुचि दिखाई है। 2014 में इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने वाले प्रणय शर्मा ने सितंबर 2019 में आईआईटी मंडी के इनक्यूबेशन सेंटर में अपने इस प्रोजेक्ट को सबमिट करवाया। इसके बाद जनवरी 2020 में राज्य सरकार के उद्योग विभाग के पास प्रेजेंटेशन दी। उद्योग विभाग ने इस प्रोजेक्ट के प्रति खासी दिलचस्पी दिखाई और प्रणय शर्मा को फंडिंग की। डेढ़ वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद अब प्रणय ने इस उपकरण का निर्माण कर दिया है। जनवरी 2021 में भारत सरकार के निधि प्रयास के तहत इस प्रोजेक्ट को सबमिट करवाया गया तो वहां से भी इसे चयनित कर लिया गया है।