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सरकार के फैसले पर निजी बस ऑपरेटर्स का फूटा गुस्सा, शुरू हुआ घमासान
ऊना। हिमाचल प्रदेश के परिवहन विभाग द्वारा निजी बस ऑपरेटरों (Private Bus Operators) के लिए लागू की गई नई शर्त का विरोध शुरू हो चुका है। दरअसल, इस सरकारी फरमान के मुताबिक किसी भी बस को परमिट मिलने के 8 साल तक ही वह काम कर पाएगी इसके बाद उसे कबाड़ (Scrap) घोषित कर दिया जाएगा। हालांकि इससे पूर्व किसी भी बस को 12 साल तक चलने की अनुमति रही है और परिवहन विभाग से निजी बस ऑपरेटर लगातार इस अवधि को 15 साल किए जाने की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन सरकार के यह नए आदेश निजी बस ऑपरेटर के लिए हैरान कर देने वाले हैं। इसी फैसले का विरोध करते हुए हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाराशर ने ऊना जिला मुख्यालय पर पत्रकार वार्ता को संबोधित किया।
निजी बस ऑपरेटरों को कुचलने में लगी है अफसरशाही
राजेश पराशर ने कहा कि निजी बस ऑपरेटर (HP Private Bus Operators Union) हर मामले में प्रदेश सरकार का सहयोग कर रहे हैं लेकिन अफसर शाही निजी बस ऑपरेटरों को कुचलने में लगी है। उन्होंने कहा कि कोई भी बस ऑपरेटर जब नई गाड़ी खरीदता है तो उसका कर्ज चुकता करने में उसे 8 साल का समय लग जाता है। ऐसे में वही गाड़ी जब उसे ऑपरेटर के लिए कमाई का साधन बनने वाली होती है उसी वक्त उसे कबाड़ घोषित किया जाना निजी बस ऑपरेटर को उजाड़ने के समान है। उन्होंने कहा कि इस मसले को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) के समक्ष भी उठाया गया है और जल्द सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष भी निजी बस ऑपरेटर अपनी बात को रखेंगे।
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5 रुपए से आगे नहीं बढ़ पाया न्यूनतम किराया
देश के विभिन्न राज्यों में न्यूनतम किराया 10 से 15 रुपए के बीच निर्धारित किया जा चुका है लेकिन हिमाचल प्रदेश जो खुद पहाड़ी राज्य है, यहां पर न्यूनतम किराया 5 रुपए से आगे नहीं बढ़ पाया है। राजेश पराशर ने कहा कि लाखों रुपए की गाड़ी का संचालन करने वाला निजी बस ऑपरेटर सुलभ शौचालय के संचालकों से भी नीचे जा गिरा है। आपदा (Disaster) के समय भी प्रदेश सरकार द्वारा डीजल की कीमतें बढ़ाई जाने का निजी बस ऑपरेटर ने विरोध नहीं किया और एक तरह से किराया न बढ़ाकर सरकार की ही मदद की जा रही है, लेकिन अब निजी बस ऑपरेटर का संयम भी जवाब दे रहा है ऐसे में सरकार को इस वर्ग के लिए भी राहत प्रदान करने की नीति बनानी चाहिए।