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हिमाचल में प्रमोशन चाहिए तो चपरासी से लेकर अधिकारी तक को देना होगा संपत्ति का ब्योरा
शिमला। हिमाचल में अब चपरासी से लेकर क्लास वन के अधिकारियों-कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा (Details of Properties) समय पर प्रदेश सरकार को देना होगा। ऐसा ना करने वाले कर्मचारियों पर प्रदेश सरकार सख्ती करने जा रही है। कार्मिक विभाग (Personnel Department) ने क्लास ए, बी, सी और डी श्रेणी के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वह निर्धारित तिथि से पहले अपनी संपत्तियों का ब्योरा देना सुनिश्चित करें। अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, संपत्ति का ब्योरा ना देने वाले इन कर्मचारियों अधिकारियों की पदोन्नति (Promotion) को भी रोक दिया जाएगा।
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अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्मिक प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार सभी विभागों के अध्यक्षों को अपने नियंत्रण में आने वाले सभी कार्यालयों में एक नोडल अधिकारी (Nodal Officer) तैनात करने को कहा गया है। ये अधिकारी सुनिश्चित करेगा कि हर कर्मचारी और अधिकारी ने निर्धारित प्रारूप में संपत्ति की जानकारी दी है या नहीं। वहीं, अगर किसी अधिकारी-कर्मचारी (Officer-employee) ने अपनी संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध नहीं करवाया है तो इसकी भी जानकारी तत्काल विभागाध्यक्ष को दी जाए। इसी जानकारी के आधार पर कार्मिक विभाग अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। ऐसे किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को पदोन्नति या अन्य किसी विषय पर विजिलेंस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट मुहैया नहीं कराया जाएगा।
विभाग ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, जिला उपायुक्तों, बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय, प्रबंध निदेशकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। स्पष्ट किया गया है कि पीएमआईएस सॉफ्टवेयर में ऑनलाइन माध्यम से इन एसेट और लायबिलिटी रिटर्न से संबंधित फार्म एक से पांच में जानकारी भरकर एक महीने में जमा करवाएं। लोकायुक्त एक्ट में हर साल सभी श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों और देनदारियों की जानकारी देनी होती है।
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