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शिमला। हिमाचल में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) की सरकार द्वारा लगातार डिनोटिफाई (Denotify) किए जा रहे संस्थानों को लेकर रविवार को बीजेपी ने नव नियुक्त विधायक दल के नेता पूर्व सीएम जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) की अध्यक्षता में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) को कांग्रेस सरकार के विरुद्ध एक ज्ञापन सौंपा।
यह ज्ञापन प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा लगातार बीजेपी कार्यकाल में खोले कार्यालयों को डिनोटिफाई करने को लेकर था। इस दौरान पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, सतपाल सत्ती, डॉ हंसराज आदि नेता उपस्थित रहे। इन नेताओं ने राज्यपाल से मांग की है कि प्रदेश सरकार द्वारा राजनीतिक बदले की भावना से बंद किए जा रहे संस्थानों को तुरंत दोबारा जनता के हित में खोला जाए, अन्यथा बीजेपी को इसके लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा और पूरे प्रदेश में धरने प्रदर्शन किए जाएंगे।
Himachal-BJP
बीजेपी नेताओं ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार देखने को मिल रहा है जब किसी सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरूआत जनविरोधी निर्णयों से की हो। किसी भी प्रदेश की उन्नति, प्रगति एवं विकास तभी संभव है जब उस प्रदेश की सरकार (Himachal Govt) सकारात्मक सोच और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कार्य करेंए लेकिन हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली बदला.बदली एवं राजनैतिक प्रतिषोध की भावना से प्रेरित है। पिछले कुछ दिनों में प्रदेश सरकार ने पूर्व की बीजेपी सरकार (BJP Govt) द्वारा जनता के हितों व सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बजटीय प्रावधान के साथ जो सरकारी संस्थान खोले थे, उन्हें राजनैतिक द्वेश के चलते बंद करने के आदेश पारित किए हैं।
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर कांग्रेस सरकार पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि अब तक जो सरकार मंत्रीमंडल नही बना सकी वह अधूरी सरकार जनता से चुनाव में किये वादों पूरे करने की जगह जनहित में खोले संस्थानों को गैर कानूनी और असंवैधानिक तरीके से बंद कर रही है। हिमाचल में पहली बार किसी सरकार के खिलाफ 15 दिनों से पहले ही विपक्ष सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गया है। सरकार बनने के बाद सबसे पहले सब्ज़ी बड़ी सीमेंट इंडस्ट्री पर ताले लगे। जिससे 30 हज़ार से ज्यादा लोगो के रोजगार पर सीधा असर पड़ा। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लोग उद्योगपतियों से चुनाव में मदद नही करने का गुस्सा निकाल रहे है। वहीं फिजूलखर्ची की बात करने वाली कांग्रेस ने छोटे से राज्य में के लिए दो दो सीएम बना दिए, जिनके लिए अब दोहरी अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ रही है।
हिमाचल प्रदेश में अब तक राज्य विद्युत विभाग के 32, स्वास्थ्य संस्थान (पीएचसी, सीएचसी, अस्पताल) 291, तहसीलें 3, उप-तहसीलें 20, कानूनगो सर्कल 9, पटवार सर्कल 80, आईटीआई 17, रेवेन्यू सब डिवीजन 2, लोक निर्माण विभाग सर्कल डिवीजन सब -डिवीजन सैक्शन 16, एसडीपीओ, पुलिस स्टेशन, पुलिस चौकी 18, आयुर्वेदिक अस्पताल 3, आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र 41, अन्य 42 सहित 574 कार्यालयों को बंद कर दिया गया है जो न केवल जनविरोधी है, बल्कि तानाशाही निर्णय है जिसे कदापि सहन नहीं किया जा सकता।
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि बीजेपी सरकार ने कैबिनेट बैठक में निर्णय लेकर सभी संस्थान आवश्यकतानुसार एवं बजटीय प्रावधान के साथ खोले थे। इन कार्यालयों में कामकाज सुचारू रूप से चलना प्रारंभ भी हो गया था और लोगों को सुविधाएं भी मिल रही थी, लेकिन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिना कैबिनेट बैठक के विभिन्न सरकारी संस्थानों को बंद करने के आदेश पारित कर दिए जो कि कानून संगत भी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस प्रकार की तानाशाही कार्यशैली अपनाकर हिमाचल प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं एवं जनभावनाओं का हनन करने का प्रयास कर रही है जो सर्वथा अनुचित है।
पूर्व सीएम जयराम ठाकुर कांग्रेस सरकार पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि अब तक जो सरकार मंत्रीमंडल नही बना सकी वह अधूरी सरकार जनता से चुनाव में किये वादों पूरे करने की जगह जनहित में खोले संस्थानों को गैर कानूनी और असंवैधानिक तरीके से बंद कर रही है। हिमाचल में पहली बार किसी सरकार के खिलाफ 15 दिनों से पहले ही विपक्ष सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गया है। सरकार बनने के बाद सबसे पहले सब्ज़ी बड़ी सीमेंट इंडस्ट्री पर ताले लगे। जिससे 30 हज़ार से ज्यादा लोगो के रोजगार पर सीधा असर पड़ा। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लोग उद्योगपतियों से चुनाव में मदद नही करने का गुस्सा निकाल रहे है। वहीं फिजूलखर्ची की बात करने वाली कांग्रेस ने छोटे से राज्य में के लिए दो दो सीएम बना दिए, जिनके लिए अब दोहरी अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ रही है।
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