-
Advertisement
गूगल ओपन करने पर आ रही है किस लड़की की तस्वीर, क्यों किया गया उसे याद
आमतौर सभी लोग हर दिन गूगल (Google) पर कुछ ना कुछ सर्च करते ही हैं। आज आपने देखा होगा कि गूगल ने अपने डूडल (Doodle) पर किसी लड़की की फोटो एनिमेटेड स्लाइड शो बनाकर शेयर की है। दरअसल, गूगल ने अपने डूडल प्रसिद्ध यहूदी-जर्मन डायरिस्ट एनी फ्रैंक (Anne Frank) को उनकी डायरी प्रकाशन की 75वीं वर्षगांठ पर समर्पित किया है।
यह भी पढ़ें:गायब होने वाले कंटेंट को लेकर इंस्टाग्राम ने नए फीचर का टेस्ट किया
बता दें कि एनी फ्रैंक की ये डायरी आजतक की होलोकॉस्ट और युद्ध की घटनाओं के बारे में सबसे मार्मिक और व्यापक रूप से पढ़े जाने वाली डायरियों में से एक है। गूगल ने आज के अपने डूडल में एक एनिमेटेड स्लाइडशो बनाकर एनी फ्रैंक को श्रद्धांजलि दी है। गूगल के इस डूडल को आर्ट डायरेक्टर थोका मायर ने बनाया है। इस स्लाइड शो में एनी के जीवन से जुड़ी सच्ची घटनाओं को दर्शाया गया है।
इस डूडल में बताया गया है कि किस तरह एक छोटी सी बच्ची ने नाजियों के आतंक का सामना किया। फिर बाद में अपने इन्हीं कड़वे अनुभवों को एक डायरी में लिखकर सारी दुनिया को इनसे रूबरू करवाया। आज हम आपको एनी फ्रैंक और उनकी डायरी से जुड़ी कुछ खास बातें बताएंगे। एनी की डायरी में उन्होंने एक जगह लिखा है मैं बेकार में नहीं जीना चाहती, जैसे ज्यादातर लोग जीते हैं। मैं उन लोगों को जानना चाहती हूं जो मेरे आसपास रहते हैं, लेकिन मुझे जानते नहीं हैं। मैं उनके जीवन में खुशी लाना चाहती हूं। मैं और जीना चाहती हूं, अपनी मौत के बाद भी।
एनी फ्रैंक का जन्म 12 जून, 1929 को फ्रैंकफर्ट जर्मनी में हुआ था। पहले विश्वयुद्ध के बाद हिटलर ने ये घोषणा कर दी कि यहूदी जहां भी मिले उन्हें मार दो। इसके बाद वहां सभी यहूदी अपने आप को बचाने के लिए अलग-अलग जगहों पर छिपकर रहने लगे। ऐसे में एनी फ्रैंक का परिवार भी जर्मनी छोड़कर नीदरलैंड आ गया। जब विश्व युद्ध 2 की शुरुआत हुई तब एनी सिर्फ 10 साल की थी। युद्ध की शुरुआत के तुरंत बाद जर्मनी ने नीदरलैंड पर आक्रमण कर दिया और इसके बाद फिर हालात बिगड़ते चले गए। युद्ध के दौरान नाजियों ने यहूदियों पर बहुत हमले किए। कुछ यहूदियों को कैद में रखा और बेरहमी से मार दिया। इतना ही नहीं नाजियों ने कुछ यहूदियों को अमानवीय एकाग्रता शिविरों में स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया।
Netherlands. Today, 75 years later, all @annefrankhouse visitors will receive a special postcard to commemorate this day.#diaryannefrank #firstprint1947 #75yearsrelevant pic.twitter.com/IpEWRKUVUH
— Anne Frank House (@annefrankhouse) June 25, 2022
एनी और उनका परिवार भी दो साल 1942 से 1944 तक दो साल छुपकर रहे। इन्हीं दिनों में एनी फ्रैंक ने अपने हर अनुभव को अपनी डायरी में लिखा। इसी डायरी में उन्होंने दिनभर की छोटी-छोटी बातों से लेकर अपने डर और सपनों के बारे में लिखा। एनी को यकीन था कि उनकी ये डायरी युद्ध के बाद जरूर पब्लिश की जाएगी।
साल 1944 में नाजी गुप्त सेन ने फ्रैंक परिवार को ढूंढकर गिरफ्तार कर लिया और डिटेंशन सेंटर भेज दिया। डिटेंशन सेंटर पर एनी और उनके परिवार से काफी कठोर काम करवाए गए। इस दौरान एनी और उनकी बड़ी बहन मार्गेट फ्रैंक को नाजी बलों ने यातना शिविर में भेज दिया, जहां एक महीने बाद उनकी मौत हो गई। उस वक्त एनी की उम्र केवल 15 साल थी। उनकी मौत के बाद एनी के पिता ने सन् 1947 में एनी की डायरी पब्लिश करवाई। प्रकाशन के बाद से अब तक एनी की ये डायरी 67 भाषाओं में प्रकाशित हो चुकी है। इस डायरी की 3 करोड़ से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी है। एनी द्वारा लिखी हुई डायरी द डायरी ऑफ अ यंग गर्ल (The Diary Of A Young Girl) के बारे में बच्चों को भी पढ़ाया जाता है।