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क्यों लगाया जाता है हल्दी का तिलक, यहां जानें इसके फायदे
हिंदू धर्म में हर शुभ काम में जाने से पहले माथे पर तिलक लगाया जाता है। माथे पर तिलक लगाने की ये परंपरा सदियों पुरानी है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, घर से बाहर जाने से पहले जब कोई व्यक्ति तिलक निकालकर बाहर निकलता है तो उसके सभी काम सफल हो जाते हैं। माथे पर तिलक (Tilak) लगाना शुभता का प्रतीक माना जाता है।
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बता दें कि माथे पर तिलक लगाना कई तरह से फायदेमंद है। माथे पर तिलक लगाना लोगों को उन्नति की ओर भेजने में मदद करता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, माथे पर तिलक लगाने को एक महत्वपूर्ण रस्म माना जाता है। किसी भी शुभ काम व मांगलिक पाठ पूजा में जाने से पहले तिलक लगाकर जाना काफी शुभ फल देता है। जरूरी नहीं है कि तिलक केवल हल्दी का ही हो। तिलक रोली, चंदन व केसर का भी लगाया जाता है। ध्यान रहे कि तिलक हमेशा माथे के बीचो बीच लगाया जाता है। हल्दी का तिलक लगाने के कई फायदे हैं।
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गौरतलब है कि हल्दी बृहस्पति ग्रह का प्रमुख कारक मानी जाती है। हल्दी का पीला रंग बृहस्पति का संचालन करता है। इसलिए हल्दी का तिलक माथे पर लगाना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि बृहस्पति अच्छा होने से भाग्य भी अच्छा होता है। किसी भी मांगलिक कार्य में माथे पर हल्दी का तिलक लगाकर उस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करने में मदद मिलती है।
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ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, जिस व्यक्ति का बृहस्पति अशुभ होता है वे व्यक्ति हल्दी के तिलक से इसके प्रभाव को सकारात्मक बना सकते हैं। वहीं, किसी भी राशि के लिए अगर बृहस्पति शुभ है तो हल्दी का तिलक उसे और भी ज्यादा शुभ बना देता है।
माथे पर तिलक लगाने को एक महत्वपूर्ण रस्म माना जाता है। किसी भी शुभ काम व मांगलिक पाठ पूजा में जाने से पहले तिलक लगाकर जाना काफी शुभ फल देता है।