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जल शक्ति विभाग में फिर से होने लगी आउटसोर्स पर भर्तियां, आखिर माजरा क्या है
वी कुमार/ मंडी। हिमाचल प्रदेश सरकार के जल शक्ति विभाग (Jal Shakti Department) में आउटसोर्स पर फिर से भर्तियां होने लग गई हैं। शिमला क्लीनवेज़ के साथ करार समाप्त होने के बाद अब विभाग ने फिर से आउटसोर्स के टेंडर(Tender) जारी कर दिए हैं। बता दें कि डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ( Deputy CM Mukesh Agnihotri)ने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा के सत्र में इस बात को प्रमुखता से कहा था कि अब जल शक्ति विभाग में आउटसोर्स ( outsource) पर कोई भर्तियां नहीं की जाएंगी। विभाग में जितने भी पद खाली हैं उन्हें अनुबंध और नियमित आधार पर भरा जाएगा, लेकिन आउटसोर्स की प्रथा को बंद कर दिया जाएगा। शिमला क्लीनवेज़ की कारगुजारियों को सदन में रखने के साथ ही डिप्टी सीएम ने यह भी स्पष्ट किया था कि 31 मार्च के बाद उनके साथ आगे कोई करार नहीं किया जाएगा। लेकिन 31 मार्च समाप्त होने के बाद अब आउटसोर्स के लिए दोबारा से टेंडर जारी किए गए हैं।
विभाग की सफाई, यह सभी अस्थायी टेंडर
इस बारे में जब जल शक्ति विभाग बग्गी मंडल के अधिशाषी अभियंता ई. प्रवीण गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिमला क्लीनवेज़ के साथ करार समाप्त होने के बाद कर्मचारियों की भारी कमी हो गई थी। पानी की स्कीमों के संचालन में रूकावट पेश आने लग गई थी। इसलिए अस्थायी टेंडर जारी करके इस कमी को पूरा किया जा रहा है। जैसे ही सरकार स्थायी नियुक्तियां कर देगी तो यह सभी टेंडर निरस्त हो जाएंगे। जो भी टेंडर जारी हो रहे हैं उन सभी को निकाले गए लोगों को प्राथमिकता के आधार पर रखने को कहा जा रहा है।
निकाले गए कर्मी बोले, हमें नहीं मिल रहा रोजगार
हिप्र जल शक्ति विभाग पार्ट टाईम वर्कर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि नए टेंडर में निकाले गए लोगों को कोई प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। जबकि हमें स्कीमों के संचालन की पूरी जानकारी है। सरकार हमें रोजगार देने में प्राथमिकता दे और स्थायी नियुक्तियों में भी निकाले गए लोगों को अधिमान दिया जाए।
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