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आरएसएस की पत्रिका का दावा, शीर्ष अदालत को औजार की तरह इस्तेमाल कर रहीं देश विरोधी ताकतें
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh’s) की साप्ताहिक पत्रिका पांचजन्य (Weekly Magazine Panchjanya) के संपादकीय में दावा किया गया है कि देश विरोधी ताकतें (Anti-National Forces) शीर्ष अदालत को औजार की तरह इस्तेमाल कर रहीं हैं। ये लेख ठीक उस वक्त लिखा गया है जब बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित करने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी गई। जिस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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पांचजन्य के ताजा अंक के संपादकीय (Editorial) में लिखा गया है कि मानवाधिकार के नाम पर आतंकियों को बचाने (Save Terrorists) की कोशिशें, पर्यावरण के नाम पर देश के विकास में बाधा डालने के बाद अब यह कोशिश भी की जा रही है कि देश विरोधी ताकतों को देश के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने का अधिकार भी मिलना चाहिए। पांचजन्य के लेख में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) को देश को बदनाम करने के लिए प्रोपेगेंडा बताया गया है और दावा किया गया है कि यह गलत और काल्पनिकता पर आधारित है। देश विरोधी ताकतें हमारे लोकतंत्र, हमारी दयालुता और हमारी सभ्यता के मानकों का हमारे ही खिलाफ फायदा लेना चाहती हैं। याद रहे कि कि बीबीसी ने (Gujarat riots of 2002) वर्ष 2002 के गुजरात दंगों में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की कथित भूमिका को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की थी, जिसे केंद्र सरकार ने प्रोपेगेंडा बताते हुए देश में दिखाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।