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लोकसभा चुनाव से पहले आरएसएस की मीटिंग-भागवत,नड्डा की मौजूदगी में होंगे बड़े फैसले
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (Akhil Bharatiya Pratinidhi Sabha) की बैठक आज से हरियाणा में शुरू हो गई है। पानीपत के समालखा (Samalkha-Panipat) में हो रही बैठक में आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत (RSS chief Dr. Mohan Bhagwat) समेत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) पहुंच गए हैं। बैठक 14 मार्च तक चलेगी।
मुसलमानों को साधने पर चर्चा
वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आरएसएस की टॉप लीडरशिप (Top Leadership of RSS) की यह आखिरी बड़ी मीटिंग हो रही है। इस लिहाज से इसमें संघ और बीजेपी के बीच को-ऑर्डिनेशन (Coordination Between Sangh and BJP) का काम करने वाले कुछ चेहरे बदले जा सकते हैं। इसके अलावा आरएसएस के कुछ लोगों की जिम्मेदारियां बदलने का फैसला भी इसमें हो सकता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक का शुभारम्भ पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत और माननीय सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले जी ने भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन करके किया। बैठक का आयोजन पानीपत जिला के समालखा (हरियाणा) में 12-14 मार्च तक किया गया है। pic.twitter.com/tcbjTqfga2
— RSS (@RSSorg) March 12, 2023
इस साल हो रही प्रतिनिधि सभा में मुसलमानों (Muslims) को साधने, संघ परिवार में महिलाओं की बढ़ती भूमिका, जनसंख्या नियंत्रण, रामचरितमानस (Ram Charit Manas) विवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी है। संघ की इस बैठक में साल भर की योजना तैयार की जाती है। इस दौरान संघ के वर्ष 2022-2023 के कामकाज की समीक्षा के साथ-साथ अगले साल यानी 2023-2024 के वर्किंग प्लान पर भी चर्चा होगी। वर्ष 2025 में आरएसएस की स्थापना के 100 साल पूरे होने जा रहे हैं। प्रतिनिधि सभा की बैठक में शताब्दी वर्ष को लेकर विशेष चर्चा होगी। वर्ष 2025 तक नए लोगों को आरएसएस से जोड़ने का टारगेट सामने रखते हुए वर्ष 2023-24 का वर्किंग प्लान (Working Plan) बनाने पर चर्चा होगी।
आरएसएस के 1400 स्वयंसेवक शामिल
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की इस वार्षिक बैठक में देशभर से आरएसएस के 1400 स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। इनमें सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत व सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosbole) के साथ सभी सह सरकार्यवाह, आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारिणी, क्षेत्रीय व प्रांतीय कार्यकारिणी, संघ के निर्वाचित प्रतिनिधि और सभी विभाग प्रचारकों के साथ-साथ संघ के ही 34 अलग-अलग संगठनों के चुनिंदा नियंत्रित स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। सरसंघचालक (Sarsanghchalak) मोहन भागवत 10 दिन के हरियाणा प्रवास पर हैं और इस 3 दिवसीय मीटिंग की सारी रूपरेखा 4 दिन पहले ही तय हो गई थी।
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