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विपक्ष के हंगामे के बीच हिमाचल प्रदेश कृषि, उद्यानिकी व वानिकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पारित
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Monsoon Session Of Himachal Assembly) ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश कृषि, उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पारित कर दिया। विपक्ष ने इस विधेयक को विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर हमला (Attack On The Autonomy Of The University) करार देते हुए विरोध किया। विपक्ष ने सरकार से विधेयक को वापस लेने की मांग की, लेकिन जब सरकार ने मांग नहीं मानी तो भारी हंगामा और नारेबाजी हुई। विपक्ष गर्भगृह तक पहुंच गया। सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया।
क्या है इस विधेयक में?
- हिमाचल प्रदेश कृषि, औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय पालमपुर (Palampur Agriculture University) से संबंधित संशोधन विधेयक के अनुसार विश्वविद्यालय के कुलाधिपति राज्यपाल साधारण या विशेष आदेश के माध्यम से कुलपति (वाइस चांसलर) को निलंबित कर सकेंगे।
- कुलपति की नियुक्ति सामान्यत 5 वर्षों के लिए होगी तथा वह अगले 5 वर्षों तक पदों पर बना रह सकता है, बशर्ते उसकी आयु 65 वर्ष से अधिक न हो।
- कुलपति अपना कार्यकाल पूरा होने पर कुलाधिपति की अनुमति से 1 साल तक अपने पद पर बने रह सकते हैं।
- कुलपति पर आरोप लगने पर उसके खिलाफ जांच करने एवं पद से हटाने सहित अन्य तरह के प्रावधान भी संशोधन विधेयक में किए गए हैं।
- कुलपति पर आरोप लगने के बाद उसे जांच रिपोर्ट की एक प्रति उपलब्ध करवाकर उसे सुनवाई का अवसर भी दिया जाएगा।
- कुलपति की नियुक्ति के लिए चयन समिति के गठन का प्रावधान भी संशोधन विधेयक में किया गया है।
विधेयक पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजेपी के रणधीर शर्मा व विपिन सिंह परमार ने संशोधनों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस संशोधन विधेयक के पारित हो जाने से विश्वविद्यालय की स्वायतता खत्म हो जाएगी। इन संशोधनों को कुलाधिपति के क्षेत्राधिकार में दखल भी करार दिया। कांग्रेस के आशीष बुटेल ने विधेयक का समर्थन करते हुए विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में और अधिक पारदर्शिता आएगी।
सरकार लेकर आई निंदा प्रस्ताव
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर को लेकर लाए गए संशोधन विधेयक के दौरान विपक्षी दल बीजेपी द्वारा किए गए हंगामे और अध्यक्ष की आसंदी के पास नारेबाजी के विरोध में सत्तापक्ष ने विपक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया। सदन ने इस प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने भी विपक्ष के व्यवहार पर कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि वह सरकार के निंदा प्रस्ताव से सहमत हैं।
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गलती को बदलने की कोशिश में है विपक्ष: सुक्खू
सीएम सुखविन्दर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि ऐसा लगता है कि विपक्ष कल की गलती को बदलने की कोशिश कर रहा है। इसलिए आज सदन में बार-बार हंगामे पर उतारू है। उन्होंने कहा कि कल हिमाचल के हक में प्रस्ताव लाया गया था, मगर विपक्ष उसमें साथ खडा नहीं हुआ और इसी गलती को वह बदलने की अब कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने आसन के पास नारेबाजी की, जबकि उनको बोलने का मौका दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के नेता पांच साल में इतने गुस्से में नहीं दिखे, जितना गुस्सा उनको अब आ रहा है। उनका इस तरह का आचरण निंदनीय है और सदन इसकी निंदा करता है।