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अमृत के समान माना जाता है गंगाजल, घर पर रखने से पहले जान लें नियम
Last Updated on May 10, 2022 by sintu kumar
हिंदू धर्म में गंगाजल का बहुत महत्व है। हमारे देश के हर घर में किसी भी छोटी-बड़ी पूजा में गंगाजल का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। गंगाजल को अमृत तुल्य माना जाता है। गंगाजल (Ganga Jal) बहुत ही पवित्र जल है। शास्त्रों का कहना है कि गंगाजल के स्पर्श मात्र से ही मोक्ष का मार्ग खुल जाता है।
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गौरतलब है कि गंगाजल को हाथ में रखकर वचन लिए जाते हैं और व्यक्ति के अंतिम समय में भी व्यक्ति के मुंह में गंगाजल की बूंदे डाली जाती हैं ताकि उसे स्वर्ग की प्राप्ति हो सके। मान्यता है कि गंगाजल का स्पर्श करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और घर से नकारात्मक ऊर्जा भी खत्म हो जाती है। गंगाजल को पवित्र जल माना जाता है इसलिए हमेशा इसे मंदिर में रखा जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि गंगाजल का इस्तेमाल करना या घर पर रखना आपके लिए कितना लाभदायक है।
अगर किसी के घर में क्लेश की स्थिति रहती है तो वह रोज सुबह नहाने के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करें। ऐसा करने से घर में सुख-शांति आती है और क्लेश भी खत्म होता है। इसके अलावा अगर किसी के बच्चे को बुरी नजर लगी हो तो उस पर गंगाजल का छिड़काव करने से बच्चे से बुरी नजर उतर जाती है। वहीं, अगर बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता है तो बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा करें और बच्चे के कमरे में गंगाजल का छिड़काव करें।
कहा जाता है कि अगर किसी के घर में बीमारियों का डेरा हो तो घर की उत्तर पूर्व दिशा में पीतल के पात्र में रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में बीमारियों का वास नहीं होता है। वहीं, अगर किसी को रात को डरावने सपने आते हैं तो सोने से पहले बिस्तर पर गंगाजल छिड़क लेने से बुरे सपने आना बंद हो जाएंगे।
हर सोमवार को भगवान शिव अर्पित करने से अति प्रसन्न होते हैं। शिवलिंग को गंगाजल का अभिषेक करने से दुखों से छुटकारा मिलता है। जबकि, हर शनिवार गंगाजल मिश्रित जल पीपल के पेड़ को चढ़ाने से हर मनोकामना पूरी होती है। मान्यता है कि गंगाजल के नियमित सेवन करने से बीमारियों का खतरा कम रहता है, बुद्धि तेज होती है और मन को शांति मिलती है।