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हिमाचल विधानसभा: सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सदन में की नारेबाजी, गरमाया माहौल
शिमला। हिमाचल विधानसभा (Himachal Vidhan Sabha) के बजट सत्र के तीसरे दिन जमकर हंगामा हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष ने सदन में जमकर नारेबाजी हुई। इसके बाद सभापति को सदन की कार्रवाई कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी। प्रश्नकाल के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुक्रवार को वन एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया (Rakesh Pathania) ने शुरू की। वन मंत्री ने कहा कि अभिभाषण में सरकार के चार साल के कार्यकाल के कार्यों को उल्लेख है। विपक्ष तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों को करोड़ों के वित्तीय लाभ दिए। एनपीएस (NPS) कर्मियों को भी ग्रेच्युटी का लाभ दिया।
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सत्ता पक्ष की ओर से वन मंत्री राकेश पठानिया द्वारा विपक्ष, खासकर पूर्व सीएम स्व. वीरभद्र सिंह के विधायक पुत्र विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) को लेकर की गई टिप्पणियों से सदन का माहौल जोरदार तरीके से गरमाया। वन मंत्री ने कांग्रेस के युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ अदालत में लंबित मामलों का उल्लेख किया। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदन के सदस्य के खिलाफ इस तरह आरोप नहीं लगाए जा सकते। वन मंत्री की विक्रमदित्य व कांग्रेस पर की गई टिप्पणी से विपक्ष भड़क उठा तथा उसके सदस्यों में सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष पर की गई तीखी टिप्पणियों का ही नतीजा था कि वन मंत्री दोपहर के भोजन से पहले अपना भाषण खत्म नहीं कर पाए और भोजनावकाश के बाद देर से आने पर विपक्ष ने उन्हें नहीं बोलने दिया।
कांग्रेस सदस्य हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कोरोना काल में क्या हुआ है, वह किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जब आई तो सरकार सो रही थी। उन्होंने कहा कि कोरोना में लोग ऑक्सीजन की कमी से मरे और इंजेक्शन की भी भारी कमी थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने मेकशिफ्ट अस्पताल उस समय बनाएए जब दूसरी लहर भी चली गई। उन्होंने कहा कि कोरोना में हिमाचल में लोगों की मृत्यु दर सबसे अधिक थी। चौहान ने कहा कि चार साल में बीजेपी सरकार केंद्र से कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं ला पाई। उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा करार दिया। कांग्रेस सदस्य नंद लाल ने राज्यपाल अभिभाषण को दिशाहीन बताते हुए कहा कि इसमें अपनी कमियों को छुपाया गया है। कांग्रेस सदस्य संजय अवस्थी ने कहा कि कोरोना काल में हुई सभी मौतों का ऑडिट करवाया जाएए ताकि यह पता चल सके कि कोरोना संक्रमण से कितनी मौतें हुई हैं।
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