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आंदोलन को तगड़ा झटका: नौकरी पर डटे पहलवान, लेकिन आंदोलन से नहीं हटे
नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह (Brijbhooshan Sharana Singh) की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवानों के आंदोलन को सोमवार को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब मोर्चे की अगुवाई कर रहे पहलवान साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने उत्तरी रेलवे में नौकरी ज्वॉइन कर ली। हालांकि, साक्षी मलिक न उन खबरों को बेबुनियाद बताया है कि आंदोलनकारी पहलवान विरोध प्रदर्शन से हट गए हैं।
साक्षी ने ट्वीट में लिखा- ये खबर बिलकुल गलत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए। माना जा रहा है कि 2021 टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) और विनेश फोगाट (Vinesh Fogat) भी अपने काम पर वापस लौट सकते हैं। इन तीनों पहलवानों के ही नेतृत्व में बृजभूषण का विरोध किया जा रहा था। इससे पहले शनिवार देर रात तीनों पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उसके बाद ही बजरंग पुनिया ने पंचायत से कहा था कि वह कुछ दिन के लिए फैसला रद्द कर दें।
ये खबर बिलकुल ग़लत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए। pic.twitter.com/FWYhnqlinC
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 5, 2023
बेकार गया दो बार का धरना
पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस आरोप को लेकर पहलवान बजरंग, साक्षी और विनेश सबसे पहले 18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। इसके बाद खेल मंत्रालय से कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद पहलवानों ने धरना समाप्त कर दिया था। ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे। रविवार, 28 मई को धरना दे रहे पहलवानों ने जंतर-मंतर से नए संसद भवन तक मार्च निकलने का ऐलान किया। लेकिन, इसी दिन नई संसद का उद्घाटन होना था। ऐसे में दिल्ली पुलिस (Delhi police) ने मार्च की इजाजत नहीं दी। साथ ही जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षाबल तैनात कर बैरिकेडिंग लगा दी।
केस भी दर्ज हुआ
पहलवानों ने जब नए संसद भवन से तीन किलोमीटर दूर स्थित जंतर-मंतर से मार्च शुरू किया, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। जमकर धक्का-मुक्की हुई। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित कई पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर को पूरी तरह खाली करा दिया और कहा कि अब प्रदर्शनकारी पहलवानों को यहां नहीं आने दिया जाएगा। हालांकि, इसी दिन शाम को सभी प्रदर्शनकारी पहलवानों को छोड़ दिया गया। लेकिन, विनेश, साक्षी और बजरंग पूनिया समेत 12 के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। उन पर दंगा फैलाने का आरोप लगा।