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मंडी में सर्व देवता समिति बोलीं-देवताओं का फंड सीधा किया जाए जारी
मंडी। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) देव भूमि है लेकिन यहां पर कई ऐसे मंदिर हैं जिनके पास अपनी भूमि नहीं है। सरकारी भूमि (Government Land) पर बने पुराने मंदिरों को देवता के नाम करने की मांग काफी लंबे समय से चली आ रही है लेकिन अभी तक किसी सरकार व प्रशासन ने इस ओर कोई पहल नहीं की है। अब एक बार फिर से मंडी (Mandi) जिला सर्व देवता समिति ने प्रदेश में बनने वाली सरकार व प्रशासन से इस समस्या की ओर ध्यान देने की गुहार लगाई है। इसके साथ ही मंडी में आयोजित सर्व देवता समिति मंडी की आम सभा में अन्य कई मुद्दों को लेकर भी चर्चा की गई। इस आम सभा की बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने की जिसमें सभी देवताओं के कारदारों और बजंतरियों ने भी भाग लिया। आम सभा उपरांत उन्होंने मीडिया से वार्ता के दौरान बताया कि यदि कोई सरकार सरकारी भूमि पर बने मंदिरों की जमीन को देवता के नाम करेगा तो यह पूरे प्रदेश में एक ऐतिहासिक फैसला होगा।
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उन्होंने बताया कि यदि भूमि देवता के नाम पर होगी तो वहां पर शौचालय, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था समिति द्वारा की जा सकती है। इसके साथ ही सर्व देवता समिति ने आगामी अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि मेले के दौरान पड्डल में देवी देवताओं के बैठने के लिए सही व्यवस्था करने की मांग जिला प्रशासन से की है। समिति का कहना है कि जहां पर देवता बैठते थे वहां पर कालेज का भवन बनाया जा रहा है जिससे पिछले वर्ष भी काफी परेशानी हुई। देवता समिति ने जिला प्रशासन मंडी से इस स्थान को दिसंबर के अंत तक या फिर जनवरी में पूरी तरह से खाली करवाने की मांग की है। वहीं सर्व देवता समिति के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा (Shivpal Sharma)ने जिला व प्रदेश स्तर पर देवताओं के नाम पर मिलने वाली राशि को सीधा देवता समिति को जारी करने की मांग उठाई है।
शिवपाल शर्मा का मानना है कि यदि किसी प्रकार का फंड सीधा देवता समिति के पास आता है तो धनराशि से ज्यादा का कार्य किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने पंजीकृत देवताओं को लमसम आधार पर मिलने वाली धनराशि को भी बढ़ाने की मांग उठाई है। वहीं उन्होंने बताया कि कुछ देवी देवता मंडी शिवरात्रि में आना चाहते हैं लेकिन उन्हें रहने और ठहरने की व्यवस्था न होने का हवाला देकर हमेशा उनकी बात को टाला जाता है लेकिन इस बार मंडी में देवताओं के ठहरने के लिए देव संस्कृति सदन भी बन गया है तो कुछ प्राचीन देवी देवता इस बार कई वर्षों के बाद मंडी मेले में आएंगे।