-
Advertisement
क्या अब बीजेपी को सन्यास ले चुके शांता करवाएंगे फतेहपुर विजय
Last Updated on October 25, 2021 by Vishal Rana
रविंद्र चौधरी/फतेहपुर। सियासत में जात पात के कार्ड खुलकर नहीं, चुप चाप खेले जाते हैं। सियासत में भी यह कार्ड 90 के दशक से बीजेपी खेलती आई है। हिमाचल की सत्ता पर भले ही अधिकतर समय राजपूतों ने राज ने किया है, मगर उन्हें विजयी तिलक ब्राह्मणों ने लगाया है। इसलिए चाहे अनचाहे बीजेपी प्रदेश के सबसे बड़े ब्राह्मण चेहरे को दरकिनार नहीं कर पा रही है। रायसीना हिल्स से राजनीतिक संन्यास का सफर तय कर चुके वयोवृद्ध शांता कुमार को आखिरी वक्त में पार्टी को याद करना ही पड़ा। यह बीजेपी की मजबूरी भी है और जरूरी भी।
यह भी पढ़ें:विक्रमादित्य ने जताई आशंका- चुनाव जीतने के लिए अब शराब और पैसा बांटेगी बीजेपी
फतेहपुर में बीजेपी की चली गई इस चाल के कई सियासी निहतार्थ निकाले जा रहे हैं। लेकिन अपने पीछे कई सवाल भी छोड़ गए हैं। क्या अब भाजपा को सन्यास ले चुके शांता कुमार फतेहपुर विजय करवाएंगे, क्या फतेहपुर उपचुनाव में भाजपा के हाथ खड़े हो गए हैं। बता दें कि यह वही शांता कुमार हैं जो कुछ अरसा पहले सक्रिय राजनीति से सन्यास ले चुके थे, लेकिन अब पूरी सक्रियता के साथ मैदान में उतर गए हैं। सनद रहे कि एक दिन पहले शुक्रवार को खुद हिमाचल बीजेपी प्रभारी अविनाश राय खन्ना शांता कुमार से मिलने उनके निवास स्थान गए थे।
यह भी पढ़ें:हिमाचल उपचुनाव: बीजेपी महिला मोर्चा ने 7 पदाधिकारियों को किया 6 वर्ष के लिए बाहर
खैर, शांता कुमार के फतेहपुर दौरे में बवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या भगवा रणनीति में जिस ब्राह्मण समुदाय को अलग-थलग किया था, उसी समाज के शीर्ष नेता रहे शांता कुमार को क्या वोट बैंक के लिए यूज़ किया जा रहा है? फतेहपुर विधानसभा के सकरी पदेड, भटोली,पल्ली में ब्राह्मण गांव हैं और ब्राह्मणों को लुभाने के लिए स्वयं शांता कुमार आए। वे ना सिर्फ फतेहपुर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई, बल्कि कांग्रेस पर जमकर बाण भी चलाए। दरअसल, फतेहपुर की इस सियासत में दो राजपूतों के साथ एक ब्राह्मण राजन सुशांत भी चुनाव मैदान में है। इसलिए कहीं ना कहीं बीजेपी ने अपने सबसे बड़े ब्राह्मण चेहरे को आगे लाकर फतेहपुर को फतेह करने की कवायद शुरू कर दी है।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए Subscribe करें हिमाचल अभी अभी का Telegram Channel…