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शास्त्री भर्तीः हजारों लोगों के साथ धोखा हैं नए नियम, सरकार के खिलाफ उठी आवाज
सुनैना जसवाल/ऊना। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शास्त्री अध्यापकों की भर्ती (Recruitment of Shastri Teachers) के स्थान पर TGT संस्कृत की भर्ती करने को लेकर विरोध शुरू हो गया है। बुधवार को शिक्षा विभाग के आरंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय में चल रही भर्ती के दौरान पहुंचे शास्त्री धारक प्रशिक्षितों ने नए नियमों का विरोध किया। शास्त्री प्रशिक्षितों (Shastri Trainees) का कहना है कि सरकार द्वारा शिक्षकों के वर्ग में की जाने वाली शास्त्री अध्यापकों की भर्ती को नए नियमों के अनुसार, टीजीटी संस्कृत के रूप में किया जा रहा है।
35 विषय पढ़ने वाले बेरोजगारी के मुहाने पर खड़े
सरकार द्वारा नए नियम लागू किए जा रहे हैं। नए नियम 5 वर्षों तक शास्त्री की डिग्री (Shastri Degree) हासिल करने वाले हजारों लोगों के साथ कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि केवल मात्र चार या पांच विषय पढ़ने वाले लोगों को शास्त्री अध्यापक के रूप में तैनाती दी जा रही है जबकि 5 वर्षों तक 35 विषय पढ़कर उपाधि हासिल करने वाले लोग बेरोजगारी के मुहाने पर खड़े हैं। पूर्व सीएम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने भी शास्त्री को टीजीटी संस्कृत के रूप में बदलने से साफ तौर पर इनकार किया था। लेकिन सरकार द्वारा मात्र तीन से चार विषय पढ़ने वाले लोगों को टीजीटी संस्कृत के रूप में भर्ती करके शास्त्री कर चुके प्रशिक्षितों के साथ धोखा किया जा रहा है।