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नौसेना के झंडे को मिली छत्रपति शिवाजी की पहचान, हटाया गया अंग्रेजों का निशान
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत को नेवी को सौंपते हुए भारतीय नौसेना के लिए नए ध्वज का भी अनावरण किया। नए ध्वज में छत्रपति शिवाजी महाराज के चिन्ह को अपनाया गया है। साथ ही साथ भारतीय नौसेना (Indian Navy) का आदर्श वाक्य सम नो वरुण: भी अंकित है।
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बता दें कि पुराने झंडे में तिरंगे के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस (अंग्रेजों की निशानी) को भी रखा गया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे गुलामी का प्रतीक करार दिया है। उन्होंने कहा कि आज 2 सितंबर, 2022 की ऐतिहासिक तारीख को, इतिहास बदलने वाला एक और काम हुआ है। आज भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को अपने सीने से उतार दिया है।
INS विक्रांत शिवाजी महाराज को समर्पित
पीएम मोदी ने कहा कि ‘छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आए, तो वे भारतीय जहाजों और उनके जरिए होने वाले व्यापार की ताकत से घबराए रहते थे। इसलिए उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला लिया। इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए।
गौरतलब है कि 15 अगस्त, 1947 को जब देश आजाद हुआ तो भारतीय रक्षा बलों ने ब्रिटिश औपनिवेशिक झंडे और बैज को जारी रखा। इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को इसके पैटर्न में बदलाव किया गया था। इस दौरान नौसेना के ध्वज को भी बदल दिया गया था। उस समय ध्वज में यूनियन जैक की जगह तिरंगा लगाया गया था और जॉर्ज क्रॉस को बरकरार रखा गया था।
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नए ध्वज की खासियत
भारतीय सेना के नए ध्वज के ऊपरी कैंटन पर राष्ट्रीय ध्वज है। राष्ट्रीय प्रतीक के साथ एक नीला अष्टकोणीय आकार भी है, जो कि नौसेना के आदर्श वाक्य के साथ ढाल पर लगाया जाता है।
नहीं हटाया गया सेंट जॉर्ज क्रॉस
नौसेना के ध्वज में बदलाव की मांग लंबे समय से की जा रही थी। 2001 में भी नौसेना के ध्वज में कई बदलाव किए गए, लेकिन रेड क्रॉस को नहीं हटाया गया। इसके बाद 2004 में नौसेना के ध्वज में एक और बदलाव किया गया, लेकिन इस समय सेंट जॉर्ज क्रॉस को नहीं हटाया गया। वहीं, 2014 में देवनागरी लिपि में अशोक चिन्ह के नीचे ध्वज पर सत्यमेव जयते शब्द शामिल किया गया था।
ये हैं सेट जॉर्ज क्रॉस
बता दें कि सफेद बैकग्राउंड पर लाल क्रॉस को सेंट जॉर्ज क्रॉस के रूप में जाना जाता है। इसका नाम एक ईसाई योद्धा के नाम पर रखा गया था। ये क्रॉस इंग्लैंड के ध्वज के रूप में काम करता है। जॉर्ज क्रॉस को रॉयल नेवी ने अपने जहाजों के लिए अपनाया था। 1190 में इंग्लैंड और लंदन शहर द्वारा भूमध्य सागर में प्रवेश करने वाले अंग्रेजी जहाजों की पहचान करने के लिए इस ध्वज को अपनाया गया था।