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नाथपा-झाकड़ी से शुरू हुई थी SJVN, आज कंपनी का विदेशों में भी फैला कारोबार
Last Updated on October 1, 2021 by Deepak
शिमला। सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) अपनी स्थापना के 33 वर्ष पूरे कर चुका है। इस मौके पर कंपनी के एमडी नंद लाल ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 1988 में एक प्रोजेक्ट से से शुरू हुई SJVN के पास आज भारत, नेपाल व भूटान में 32 जल विद्युत परियोजनाएं हैं। बाहरी संस्थाएं को प्रोजेक्ट में व्यवधान डालने के लिए फंडिंग होती है। जिसकी वजह से प्रोजेक्ट बनाने में देरी होती है।
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3000 करोड़ के प्रोजेक्ट से शुरु किया हुआ सफर अब 35 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहा है। 1500 मेगावाट से एसजेवीएन ने शुरूआत की थी जो अब 11000 मेगावाट तक पहुंच गई है। 2040 तक 25000 मेगावाट की कंपनी बनने का लक्ष्य रखा गया है।
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कंपनी के एमडी नंद लाल ने कहा कि जब कंपनी शुरू हुई थी तब 2500 कर्मी इसमें काम करते थे। आज घटकर 1500 कर्मी रह गए हैं। रोज़गार घटने का कारण आउटसोर्सिंग पर भर्ती को बताया गया। बाबजूद इसके कंपनी का शुद्ध लाभ बढ़कर 1633.04 करोड़ रहा है। कंपनी का शेयर 3.96 रुपए से बढ़कर 4.16 रुपए प्रति शेयर हो गया। विद्युत परियोजनाओं के अलावा एसजेवीएन अब सोलर, विंड, थर्मल प्लांट भी लगा रही है।
हिमाचल में एसजेवीएन का 5000 करोड़ का निवेश किया गया है। अगले 5 सालों में 23 हजार करोड़ का निवेश विद्युत परियोजनाओं पर करेगी। एसजेवीएन बिना स्थानीय लोगों की सहमति से ही प्रोजेक्ट बनाएगा। हाइड्रो प्रोजेक्ट की वजह से ही भूस्खलन नहीं हो रहे हैं। जहां प्रोजेक्ट नहीं हैं, वहां भी भूस्खलन हो रहे हैं। स्पिति व किन्नौर में भी लोगों की सहमति के बिना प्रोजेक्ट नहीं बनाएं जाएंगे। ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में एसजेवीएन को 6 प्रॉजेक्ट मिले हैं। जिनमें से 3 पर काम हो चुका हैं।
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