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हिमाचल में विशेषज्ञ डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर गए, मरीजों के रूटीन ऑपरेशन रुके
शिमला। हिमाचल (Himachal) में मरीजों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। इसका कारण यह है कि हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ डॉक्टर (Specialist Doctors of Medical Colleges) अपनी मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। जाहिर है कि इससे हिमाचल प्रदेश में तमाम मेडिकल सुविधाएं प्रभावित हो गई हैं। मंगलवार सुबह से ही डॉक्टर ओपीडी से नदारद रहे। इस दौरान मरीजों के ऑपरेशन भी नहीं किए गए। इस दौरान डॉक्टर केवल इमरजेंसी सेवाएं (Emergency Services) देते ही दिखे। इस तरह सामूहिक अवकाश पर जाने की वजह है कि डॉक्टर फील्ड में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टरों की तर्ज पर अकादमिक भत्ता (Academic Allowance) मांग रहे हैं। उन्होंने सरकार के सामने अपनी मांग रखी, मगर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। यही कारण रहा कि समस्त डॉक्टर सरकार के रवैये से नाराज होकर सामूहिक अवकाश पर चले गए। हिमाचल प्रदेश में आईजीएमसी शिमला, नाहन टांडा, नेरचौक, चंबा और हमीरपुर में मेडिकल कॉलेज हैं। इस संबंध में स्टेट मेडिकल और डेंटल अध्यापन सेमडिकोट के अध्यक्ष डॉ राजेश सूद (Dr. Rajesh Sood) कि हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या 500 से भी अधिक है।
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इस संबंध में डॉक्टरों की ओर से इसकी सूचना कॉलेज प्राचार्यों को दे दी गई है। वहीं आईजीएमसी में इलाज करवाने आए मरीज काफी परेशान दिखे, क्योंकि उन्हें डॉक्टरों की ओर से दी जाने वाली सेवाएं नहीं मिल सकीं। इनमें से तो कई मरीजों के ऑपरेशन तक होने थे। जानकारी के अनुसार आईजीएमसी के 250 वरिष्ठ डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर हैं। इस कारण आज रूटीन से करीब 55 ऑपरेशन (About 55 operations from routine) नहीं हो पाए। वहीं दूरदराज के क्षेत्रों से हर्निया, गाल ब्लैडर, हाथ, बाजू, टांग, आंखों, ईएनटी (Cheek Bladder, Hand, Arm, Leg, Eyes, ENT) संबंधी बीमारियों के ऑपरेशन करवाने आने वाले मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। आईजीएमसी में ओपीडी में रोजाना 3,000 के करीब मरीज पहुंचते हैं। इनमें कंसलटेंट डॉक्टरों के साथ सीनियर और जूनियर डॉक्टर काम संभालते हैं। मंगलवार को यह काम सीनियर और जूनियर डॉक्टरों ने ही संभाला। जानकारी के अनुसार ओपीडी होने के बाद रोजाना 100 से अधिक मरीज दाखिल भी किए जाते हैं। आईजीएमसी आरडीए (रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन) के अध्यक्ष डॉ मनोज मैतान ने कहा कि वह 4 अक्टूबर तक सरकार के पक्ष को देखेंगे अगर सरकार ने इस मांग को पूरा नहीं किया तो आरडीए भी सेमडिकोट के पक्ष में हर रोज दो से तीन घंटे की हड़ताल शुरू कर देगी।
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