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बरसात में तिरपाल बिछाकर सोते थे, अब यूं बनने लगा उनके सपनों का आशियाना
शिंगार गांव की कांता देवी बताती हैं कि पहले उनके पास अपने मकान के नाम पर बस टूटी छत का एक कमरा भर था, छत पर तिरपाल बिछाकर सोते, दोनों बच्चे भी साथ में दुबके रहते। उनकी माली हालत ऐसी ना थी कि वे अपना पक्का मकान बना पातीं, उन्हें दिन रात ये चिंता सताती रहती। लेकिन, मुख्यमंत्री आवास योजना (Mukhyamantri Awas Yojn) में मिली 1.50 लाख की मदद ने उनकी सारी चिंता दूर कर दी। सरकारी मदद की पहली किश्त उन्हें मिल चुकी है। और अब उनके सपनों का आशियाना बनने लगा है, जिससे वे बेहद खुश हैं और सीएम जय राम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) की दिल से शुक्रगुजार हैं। रंधाड़ा पंचायत के जगतराम कहते हैं कि सीएम जय राम ठाकुर से मिली आर्थिक मदद से उनका परिवार अब अपने पक्के मकान में रह रहा है। पहले दो कमरे के कच्चे मकान में जैसे तैसे गुजर बसर चल रही थी, बारिश में तो जीना और मुहाल हो जाता था, पर अब उनका पूरा परिवार बेहद खुश है। ये कहानी नहीं हकीकत है जो हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला से सामने आई है।
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सम्मान से जीने का हक भी मिला
मंडी जिला के विकास खंड द्रंग की कुन्नू पंचायत के शिंगार गांव की ही गायत्री देवी बताती हैं कि हमारे पास मकान के नाम पर बस एक कमरा था, उसकी भी छत टपकती थी, मैं अपने तीन बच्चों के साथ इसी में रहती थी, बारिश में कमरे के अंदर-बाहर पानी भर आता और तब एक एक पल काटना भारी लगता था। मुख्यमंत्री आवास योजना से केवल सिर पर छत ही नहीं, हमें सम्मान से जीने का हक भी मिला है। गायत्री देवी को मुख्यमंत्री आवास योजना में पक्का मकान बनाने के लिए 1.50 लाख रुपये की सहायता मिली है। वे इससे बेहद खुश हैं और मुश्किलों से निजात दिलाने के लिए सीएम जयराम ठाकुर का आभार जताती हैं। याद रहे पहले इस योजना में पक्का मकान बनाने के लिए लाभार्थियों को 1.30 लाख रुपये दिए जाते थे, जिसे वर्तमान सरकार ने बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये कर दिया है।
क्या हैं प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास योजनाएं
प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना हिमाचल का उद्देश्य सभी बेघर परिवारों और कच्चे तथा टूटे-फूटे मकानों में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्का मकान उपलब्ध करना है। प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थी का चयन सामाजिक आर्थिक ओर जाति आधारित जनगणना 2011 के आधार पर किया जाता है। वहीं, मुख्यमंत्री आवास योजना में जो गरीब होने के बावजूद बीपीएल सहित ऐसी किसी श्रेणी में नहीं आते, उन्हें भी योजना के तहत घर बनाने के लिए पैसा दिया जाता है। दोनों ही योजनाओं में प्रति लाभार्थी 1.50 लाख रुपये की मदद दी जाती है। इसके अलावा लाभार्थी को अपना ही मकान बनाने के लिए मनरेगा में 95 दिन की मजदूरी का भी प्रावधान है। डीसी मंडी, ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि जिला में प्रधानमंत्री आवास योजना एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत पात्र परिवारों को तुरन्त लाभ प्रदान करना सुनिश्चित बनाया गया है।