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शुद्ध शक्कर का स्वाद चखना है तो आएं हमीरपुर के इस गांव
हमीरपुर। हमीरपुर जिला के टिक्कर गांव में सदियों से गन्ने ( sugarcane)की खेती आजीविका का मुख्य साधन बना हुआ है और टिक्कर गांव ( Tikkar Village) के सभी परिवार डेढ सौ कनाल भूमि में गन्ने की खेती कर अच्छी खासी आमदन कमा रहे है। यही नहीं गन्ने की खेती के बाद गांव में ही शक्कर तैयार की जा रही है जिसकी डिमांड पूरे जिला भर में है। हर साल ही मार्च माह में गन्ने की खेती तैयार होती है और फिर किसान गन्नों से बेलनों के माध्यम से शक्कर तैयार करते है। शुद्व तौर तरीकों से बनाई जा रही शक्कर की डिमांड इतनी ज्यादा है कि हाथों हाथ ही क्विंटलों के हिसाब से शक्कर बिक जाती है।
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ग्रामीण देसराज ने बताया कि गांव में करीब डेढ सौ कनाल भूमि पर गन्ने की खेती की जा रही है और पुरखों के जमाने से इस काम को आज भी जिंदा रखे हुए है। उन्होंने बताया कि यहां शुद्ध शक्कर निकाली जाती है जो कि हाथों हाथ बिक जाती है। युवाओं ने बताया कि पहले जमाने में लकड़ी के बेलनों से गन्ने का रस निकाल कर बाद में शक्कर बनाई जाती थी और अब इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से गन्ने का रस निकाल कर शुद्व शक्कर बनाई जा रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि गन्ने की खेती के लिए सरकार की ओर से अच्छा बीज मिले और सिंचाई की सुविधा हो तो और बढ़िया खेतीबाड़ी हो सकती है।
शक्कर खरीदने पहुंचे अजय कुमार ने बताया कि शक्कर लेने के लिए हमीरपुर से आए हुए है और हर साल ही शक्कर ले कर जाते है। उन्होंने बताया कि बाजार के मुकाबले देसी शक्कर खाने में स्वाद भी बहुत बढ़िया होता है और पौष्टिक भी होती है।स्थानीय लोगोंने बताया कि साल भर किसान गन्ने की खेती के लिए दिन रात काम करते है और किसानों को खेती से अच्छी आय होती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि खेती बाड़ी के पानी की समस्या आती है इसे दूर करने के लिए काम होना चाहिए। बुजुर्ग सत्या देवी, रोशन लाल और फूला देवी ने बताया कि दशकों से गन्ने की खेती बाड़ी करते आ रहे है और आज के युवाओं को भी खेतीबाड़ी करके स्वरोजगार अपना चाहिए। उन्होंने बताया कि सभी गांव वासी एक साथ मिलजुल कर गन्ने की खेतीबाडी करते है ।
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