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व्यवस्था परिवर्तन की ओर सुक्खू सरकार: तैनाती के क्षेत्राधिकार में भूमि-भवन नहीं खरीद सकेंगे अधिकारी
शिमला। हिमाचल की सुक्खू सरकार (Sukhu Govt) ने बड़ा फैसला लेते हुए अधिकारियों (Officers) के लिए अचल संपत्ति खरीदने के पुराने नियमों को बहाल कर दिया है। इन नियमों के अनुसार अब प्रदेश की अफसरशाही तैनाती के दौरान अपने क्षेत्राधिकार में भूमि, भवन अथवा किसी भी अन्य तरह की अचल संपत्ति नहीं खरीद सकेंगे। तबादले (Transfer) के बाद भी तैनाती वाली जगह में अफसरों के क्षेत्राधिकार में शामिल जगहों पर दो साल तक भूमिए भवन अथवा अचल संपत्ति खरीदने पर पाबंदी होगी। प्रदेश सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिए हैं।
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जारी आदेशों के अनुसार अफसर अपने परिजनों के नाम पर भी भूमि अथवा भवन नहीं खरीद सकेंगे। कार्मिक विभाग की तरफ से भूमि खरीदने पर पाबंदी को लेकर जारी आदेशों में मंडलायुक्त, एडीसी, एडीएम से लेकर डीआईजी व नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता तक करीब 28 श्रणियों के अधिकारियों को शामिल किया गया है। कार्मिक विभाग के इन आदेशों की अवहलेना पर ऑल इंडिया सिविल सर्विस कंडक्ट रुल्स व सिविल सर्विस कंडक्ट नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बता दें कि प्रदेश सरकार ने इस बारे 1996 में पहले पहल आदेश जारी किए थे। इसके बाद इन आदेशों में कुछ और श्रणियों के अधिकारियों को शामिल कर भूमि, भवन अथवा अचल संपत्ति खरीदने पर पाबंदी लगा दी गई थी।
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कई अधिकारियों ने खरीदी थी अचल संपत्तियां
सूत्रों के अनुसार पाबंदी के बावजूद कई अफसरों ने अपनी तैनाती वाली जगह में कार्यक्षेत्र (Jurisdiction of Deployment) में अपने अथवा अपने परिजनों के नाम अचल संपत्तियां खरीदी। हालांकि सचिवालय अथवा विभागों के निदेशालयों में तैनात अधिकारियों पर उक्त निर्देश लागू नहीं होते, बावजूद इसके राजस्व विभाग के साथ-साथ कई अभियंताओं, जिला उपायुक्त कार्यालयों में तैनात अफसरों के साथ साथ कई और श्रणियों के अधिकारियों ने सरकारी निर्देशों को धत्ता दिखाते हुए अपने कार्यक्षेत्र में भूमि, भवन अथवा अचल संपत्तियां खरीदी (Purchase of Land and Buildings)।
सरकार ने लागू किए 1996 व 2012 के आदेश
माना जा रहा है कि कुछेक अफसरों द्वारा अचल संपत्तियां खरीदने का मामला सरकार के संज्ञान में आने के बाद दोबारा से 1996 व 2012 के आदेशों को फिर से लागू किया गया है। सरकार के इन आदेशों से अफसरशाही की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आने की उम्मीद है। साथ ही व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में इसे सरकार का एक और प्रयास माना जा रहा है।
ये अधिकारी नहीं खरीद सकेंगे संपत्ति…..https://bit.ly/3Yjl2vA