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बिग ब्रेकिंग: इक्का-दुक्का बच्चों वाले 150 स्कूलों के विलय की तैयारी
शिमला। शून्य पंजीकरण (Zero Enrollment) वाले 450 स्कूलों को बंद करने के बाद अब शिक्षा विभाग (Himachal Education Department) 150 स्कूलों के विलय की तैयारी में है। विभाग ने स्कूलों के विलय के मकसद से एक व दो छात्र संख्या वाले स्कूलों को चिन्हित कर लिया है। विलय होने वाले स्कूलों की दूरी 3 से 5 किमी है।
सरकार एक से दो बच्चों वाले प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों का विलय (Schools to be Dissolve) करने की तैयारी में है। स्कूलों के विलय को लेकर सरकार ने न सिर्फ छात्र संख्या, बल्कि इनकी आपस में दूरी के मापदंड तय किए हैं। मापदंडों के मुताबिक स्कूलों के विलय के बाद सरकार इनमें छात्र संख्या को बढ़ाने का प्रयास करेगी।
12 हजार शिक्षकों की कमी
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार अब तक शून्य पंजीकरण वाले 450 स्कूलों को बंद कर चुकी है। इनमें 300 से अधिक माध्यमिक व बाकी प्राथमिक स्कूल हैं। अब राज्य सरकार की अगली कार्यवाही उन स्कूलों को बंद करने की है जहां पर बच्चों की संख्या दो या तीन के बीच में है। कम बच्चों की संख्या वाले स्कूलों के विलय के साथ साथ बंद किए गए स्कूलों में कार्यरत शिक्षक व गैर शिक्षक कार्मिकों को स्टाफ की कमी से जूझ रहे स्कूलों में तैनात किया जाएगा। शिक्षा विभाग में करीब 12 हजार शिक्षकों की कमी है। लिहाजा बंद हुए शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को खाली जगहों पर तैनात किया जा सकता है।
विपक्ष घेरने की तैयारी में
उधर शिक्षण व राजस्व संस्थानों को बंद करने के सुक्खू सरकार के फैसले को विपक्ष पहले ही मुद्दा बना चुका है। विधान सभा के बजट सत्र में विपक्ष ने इस मुद्दे पर खासा हंगामा किया था। बावजूद इसके राज्य सरकार द्वारा संस्थानों को बंद किए जाने का सिलसिला लगातार जारी है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में ऐसे स्कूल जहां पर बच्चों की संख्या दो या तीन के बीच में है, उन स्कूलों को जल्द बंद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे 150 स्कूलों को चिन्हित कर दिया गया है, जहां पर बच्चों की संख्या दो या तीन के बीच में है।