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सरकारें हेट स्पीच पर करें कार्रवाई वरना, होगी अवमानना की कार्रवाईः सुप्रीम कोर्ट
Last Updated on October 21, 2022 by sintu kumar
हेट स्पीच (hate speech) को लेकर कोर्ट सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में कहा है कि यह इस कोर्ट की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सीधा सरकारों से कहा है कि हेट स्पीच पर या तो कार्रवाई की जाए या फिर अवमानना के लिए तैयार रहें। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड की पुलिस (Police of Delhi, UP and Uttarakhand) को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सीधा पूछा है कि हेट स्पीच में लिप्त लोगों पर क्या कार्रवाई की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सीधा कहा है कि हेट स्पीच को लेकर आरोप बहुत गंभीर है। संविधान के अनुसार हम एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र (secular nation) हैं। देश में नफरत फैलाने वाले भाषणों के बारे में आईपीसी में उपयुक्त प्रावधानों के बावजूद निष्क्रियता है।
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हमें मार्गदर्शक सिद्धांतों का पालन (Following the Guiding Principles) करना होगा। यदि कोई शिकायत ना भी आए तो पुलिस को स्वयं जाकर ऐसे मामलों कार्रवाई करनी होगी। यदि इस मामले में लापरवाही हुई तो अफसरों पर अवमानना की कार्रवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। यह कार्रवाई धर्म की परवाह किए बगैर ही की जानी चाहिए। आज देश में घृणा का माहौल हावी हो गया है। जो बयान दिए जा रहे हैं वे विचलित करने वाले हैं। ऐसे बयानों को सहन नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जोसेफ की बेंच ने कहा कि 21वीं सदी में क्या हो रहा है। धर्म के नाम पर हम कहां से कहां तक पहुंच गए हैं। हमने भगवान को कितना छोटा बना दिया
उन्होंने कहा कि भारत का संविधान वैज्ञानिक सोच विकसित करने की बात करता है। सुप्रीम कोर्ट भारत में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने और आतंकित करने (Supreme Court to target and terrorize Muslim community in India) के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने कहाए हमें इस कोर्ट में नहीं आना चाहिएए लेकिन हमने कई शिकायतें दर्ज कराई हैं। अदालत या प्रशासन (Court or Administration) कभी कार्रवाई नहीं करता। हमेशा स्टेटस रिपोर्ट मांगी जाती है। ये लोग आए दिन कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। बेंच ने पूछा . आप खुद कानून मंत्री थे, क्या तब कुछ किया गया, ये हल्के नोट पर पूछ रहा हूं। नई शिकायत क्या है, सिब्बल ने बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के भाषण का हवाला दिया। यह भाजपा के एक नेता द्वारा किया गया है । कहा गया है हम उनकी दुकान से नहीं खरीदेंगे नौकरी नहीं देंगे। प्रशासन कुछ नहीं करता । हम कोर्ट आते रहते हैं। दरअसल शाहीन अब्दुल्लाह (Shaheen Abdullah) नाम के याचिकाकर्ता ने मुसलमानों के खिलाफ घृणित टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसके अलावा याचिका में मुसलमानों के खिलाफ घृणा फैलाने वालों मामलों की स्वतंत्र जांच की मांग भी की गई है।
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